सुलेमानी शैतानी अमल

जय महाकाल - 


दुश्मन की छाती पर शैतान सवार करने का मंत्र -




सुलेमानी  शैतानी अमल मंत्र :-


विधि - दोस्तों यह एक मुसलमानी मंत्र हैं। . जो की बहोत तेजी से कार्य करता हैं , बशर्ते इस मंत्र को चलने की क्षमता साधक में होनी चाहिए। . अगर कोई इस मनतर का स्वार्थ के उपयोग करता हैं। . या किसी को नाहक तकलीफ देने क लिए प्रयोग करता हैं। . तो उसका जहन्नुम में जाना लगभग तय ही हो जाता हैं। . क्यों की शैतान को कोई भी अपने कब्जे में आसानी से नहीं रख सकता। . अन्यथा वह स्वयं को तकलीफ देना शुरू कर देता हैं। . क्यों की इस मंत्र को चलने के लिए साधक को दिल दिमाग से सक्षम होना जरुरी हैं। . अन्यथा तकलीफ में आ आसकते हो। . 



मन्त्र -  

अल्प गुरु अल्प रहमान उसकी छाती चढ़ शैतान । न चढ़े तो माँ बहिन की सेज पर पग धरै अली की दुहाई ..।


( विशेष सुचना )  : -  यह मंत्र अभ्यास एवं जानकारी हेतु दिया गया हैं 

  कुछ कारन वश मंत्र की विधि सुरक्षित रखी गयी हैं। ...



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पति वशीकरण मंत्र - Pati vshikaran


 जय महाकाल 


पति वशीकरण मंत्र 



vashikaran




मंत्र:- पति वशीकरण -


     ||  ॐ काम मालिनी ठ : ठ : स्वाहा ||   


इस मंत्र से बिगडैल से   बिगड़ैल पुरुष  पति या पर स्त्री गमन करने वाला पति अपने वश में आ जाता है ...।


विधि :- 
उपरोक्त दिए गए मंत्र को उपयोग में लाने से पहले कुछ बातों को अवश्य समझ ले। अगर वाकई आपका पति बिगड चुका हैं।  अन्यथा किसी परायी और  चक्कर में पड़ा हुआ हैं। .. लाख प्रयास करने के करने के बाद भी सुधरने  नाम नहीं ले रहा हो।  तो इस मंत्र का जाप जाप महिलाओं को अवश्य करना चाहिए।  कृष्ण पक्ष के मंगलवार से इस मंत्र का जाप २१ दिनों तक नित्य करे। . बिना किसी  नागा किये  इस मन्त्र का जाप अपने पति का ध्यान कर के जाप करे। ..नित्य ११ माला का जाप करना हैं। . अंतिम दिन देवी के मंदिर  में जा कर एक नारियल बढ़ा दे। .. पान सुपारी का बीड़ा दे। . देवी से पति को वापिस आने की कामना करे। .. इस मंत्र का दूसरे पुरुष को वशीभूत करने का प्रयास ना करे अन्यथा समस्या हो सकती हैं 




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त्रैलोक्य वशीकरण मंत्र Trilok Vashikaran

जय महाकाल -


त्रैलोक्य वशीकरण मंत्र Trilok Vashikaran






मंत्र :-

         ॐ नमो भगवती मातंगेश्वरी  सर्व मन रंजनी सर्वषान महामातंगे  कुवारी के नंद नंद जिव्हे जिव्हे सर्व     जगत वश्य मानय स्वाहा ..।।



विधि :-

यह मंत्र भी एक शक्ति शाली मंत्र हैं , इस मंत्र से तीनो लोको को वशीभूत  किया जा सकता है अर्थात  इस मंत्र से जगत वशीकरण होता है उदा. देवलोक , पृथ्वी लोक , और पाताल लोक। .  इस मंत्र को दस हजार की संख्या में लगातार जाप करने के बाद इसकी सिद्धि होती।  इसका विशेष प्रयोग के लिए ,  शक्रवार   स्वाति  नषत्र में , कृष्ण धवल विष्णुकांता के मूल को  प्रातः काल विशेष विधि से उखाड़  लाना है। . उसे दू ध पानी से अभिषेक करे।  फिर सिद्धि योग में  मूल को पांच माला मंत्र से उस मूल को सिद्ध कर ले फिर उस मूल को जलाकर उसका काजल पाडे और उस काजल को आँख में आंजने से जगत वशीकरण होता हैं। .. कृपया इस विधि का दुरूपयोग ना करे अन्यथा हानि का सामना करना पड सकता  हैं। ... मंत्र सिद्धि के लिए गुरु की अनुमति अवश्य ले अन्यथा मंत्र निष्फल हो जायेगा। .. 




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सभा मोहन मंत्र सुलेमानी

जय महाकाल -


सुलेमानी सभा मोहन  मंत्र:- 



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विधि :-

दोस्तों इस मन्त्र की प्रमुख विशेषता हैं , के इस मंत्र के सिद्धि के बाद आप किसी भी जगह जायेंगे , किसी भी सभा कार्य क्रम में तो , वहां के लोगो में आपका रुतबा बढ़ा रहेगा। . आपके प्रति लोगो का आकर्षण बढ़ा रहेगा। .. बड़े उत्साह भरे नजरों से लोग आपको ताड़ेंगे। .. इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए सबसे पहले। .. एक ओंगा नामक पौधे को जो काला हो। .. उसकी जड़ को उखाड़ के ला कर उसको दूध पानी से धो कर। .. उसका शुद्धिकरण कर उसको मेहँदी के सिरके में डाल कर उसका काजल पाड़े। .. और उसको निचे दिए गए मंत्र से अभिमंत्रित कर के आँख में आँजे। .. जिससे सभा मोहन होता हैं। .

मंत्र :-  

कालू  मुंह धोई करू सलाम मेरे नैन सुरमा बसे जो  निरखे सो पायन  पड़े गोसुल आज़म दस्तगीर की दुहाई ..।।



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स्त्री सौंदर्य लावण्या वती मंत्र

जय महाकाल -


स्त्री सौंदर्य लावण्या वती मंत्र 










मंत्र:-   ॐ रति क्रियाये कामदेवायै  मम अंगे उपांगे प्रविशय सुदर्शनायै फट ..।

( विशेष मंत्र स्त्रियो को सुन्दर बनाने में अति शीघ्र कार्य करता है ..। )





विधि :-  यह मंत्र विशेष युवती एवं महिलाओं  के लिए है  , आज के दौर में हर एक युवती सुन्दर दिखना चाहती हैं उसके लिए अनेको सुन्दर्यै प्रसाधनों का उपयोग करती हैं। . क्या क्या उबटन तेल , इत्यादि का उपयोग करती हैं। .. मगर कुछ तो थोड़ी सुंदतरता स खुश हो जाती हैं। . मगर कुछ युवतियों को समाधान नहीं होता , वे सुन्दर दिखने के लिए कुछ न कुछ प्रयोग अथवा उपचार खोजती रहती हैं उनके लिए यह। .. लावण्यवती मंत्र बहोत ही फायदे मंद हैं। .. २१ दिन सी मंत्र का जाप मेहँदी का तेल का दीपक जला कर इस मंत्र का जाप करे उनको २१ दिन में आशातीत परिवर्तन नजर आएगा इसमें कोई शंका नहीं। .. 



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मायावी वशीकरण साधना

जय महाकाल -




मायावी वशीकरण साधना -



जय महाकाल - 


 मंत्र -




( ॐ नमो कामाक्षी देव्यो , सर्व विघ्न हरो देव्यो सर्व  उपद्रव नाशन ,नमो देव्यै दीर्घायुषम कुरु ,इच्छित कार्य साधय साधय फट्ट स्वाहा ||| )




जय महाकाल - 

मित्रों यह मंत्र एक मायावी जादुई वशीकरण मंत्र हैं , जिससे नर नारी वशीकरण होता हैं इस मायावी मंत्र से। .. हर एक  को अपने वश में रखा जा सकता हैं। राजा प्रजा अधिकारी , इत्यादि हैं  . यह तांत्रिक मंत्र माँ कामाक्षी देवी का मंत्र हैं। . जो की बहोत ही शक्ति शाली मंत्र हैं , यह साधना स्त्री पुरष दोनों भी कर सकते हैं। .. मंत्र साधना का विधान इस प्रकार हैं। ..  इस साधना को कृष्ण पक्ष की १४ दषी से शुरुवात करे। ..  प्रकार ४१ दिनों तक बिना नागा किये  मन्त्र को अखंड जपना हैं। .. ११ माला नित्य एक निश्चित समय तय के अनुसार जाप करना हैं। ... और अंतिम दिन  दशांश का हवंन  अवश्य करे। .. इस प्रकार मंत्र की सिद्धि होती हैं। 




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विलक्षण शाबरी वशीकरण मंत्र - Vashikaran sadhna

जय महाकाल 


 विलक्षण शाबरी वशीकरण मंत्र - Vashikaran sadhna


मंत्र :-   साबरी वशीकरण 

 ॐ मोहिनी माता भुत पिता भुत सीर वेताल उड़ ऐ  काली नागिन ( ............) की लग जाये । ऐसी जा के  लगे 
की (...................................)अमुक को लग जाये हमारी मुहब्बत की आग । न खड़े सुख न लेटे  सुख न  सोते सुख , सिन्दूर चढाऊ मंगलवार कभी न छोड़े हमारा ख्याल । जब तक न देखे हमारा मुख । काया तड़प तड़प मर जाये।। चलो मंत्र फुरो वाचा , दिखाओ रे  शब्द अपने गुरु के इलम  का तमाशा ...!

विधि  -
जय महाकाल मित्रों  हर मंत्र के अपने कुछ और तरीके नियम होते हैं उनको उसके अनुसार पालन करना होता हैं। . अन्यथा आपके लिए तकलीफ दायक हो सकता हैं इस प्रकार के मंत्रो का प्रयोग स्वार्थ के लिए करना , अच्छा नहीं हैं अन्यथा इसका दंड अनुचित प्रयोग करने वाले को भुगतना पड़ता हैं। .. इसमें कोई संदेह नहीं। ... इस मंत्र को यहाँ देने का उद्देश्य जानकारी हेतु हैं सिर्फ। ... अभ्यास के लिए हैं। ..इसका कोई दुरूपयोग न  करे इस हेतु से  मंत्र की विधि सुरक्षित रखी गयी हैं। ...


 


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कामिनी मन मोहिनी सुलेमानी मंत्र


जय महाकाल - 

सुलेमानी कामिनी मोहन मंत्र-






विधि :-  

दोस्तों ये मंत्र भी सुलेमानी तरीके का हैं जो। .. कुवांरियों को मोहित करने में बहोत ही कारगर हैं , इस मन्त्र को नौचंदी जुम्मे से शुरू करे। .. गाओं के बहार किसी उजाड़ कब्रिस्तान में जा कर। . लोबान इत्तर अगरबत्ती , आसान इत्यादि लेकर रात ११ के बाद कब्रिस्तान में बैठ जाये। . और निचे दिए गए मन्त्र की ११, माला रोज नियमीत समय पर। .. जाप करे ऐसा आपको २१ दिन तक करना हैं। . .. अंतिम दिन। . .. मिठाई रख कर भोग लगाए। . ये मंत्र सिद्ध हो जायेगा। . 



मंत्र :- 
अल्लाह के बीच हथेली मुहम्मद बीच कपार उसका नाम मोहिनी जगत्त मोहे संसार ।। मोह करे जो  मोर मार उसे मेरे बांयें पोत वार डार ।। जो न माने मुहम्मद पैगम्बर की आन । उसपर मुहम्मद मेरा रसुलिल्लाह ..।। 




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विशेष मंत्र साधना ज्ञान

जय महाकाल 










विशेष मंत्र साधना ज्ञान 

 साधक मित्रो कई साधक  है जो कई समय से तांत्रिक  मंत्रो को जागृत करने में लगे हुए है मगर आज तक उनको  सफलता प्राप्त नहीं हुई.. ऐसे साधक निराश हताश हुए बैठे हैं। .   इसका कारन क्या है , तो मित्रो इसका विशेष कारन है पहले आप को अपने इष्ट देवता की कृपा दृष्टी  पाना बहोत ही आवश्यक हैं। ..  उसके बगेर कोई भी मन्त्र या तंत्र सिद्ध नहीं होता यह कटु सत्य है। ...... , अन्यथा साधना करके समय बर्बाद करने जैसा हैं अर्थात  व्यर्थ् है या फिर किसी गुरु के सानिध्य में रह कर साधना करना जरूरी हैं। .. .या फिर किसी पारंगत यानि तैयार गुरु का मार्गदर्शन ले  तब ही आप अपने प्रयास में सफल हो पाएंगे ..किसी तंत्र  जानकार को  अपना गुरु बनाने की इच्छआ जाहिर करे , वोह आप को अवश्य मार्गदर्शन करेंगे .मगर एक बात। ..  आप का उद्देश्य योग्य होना चाहिए ..
जब तक आप किसी गुरु से दीक्षा नहीं ले लेते  तब तक आप को एक साधक होने का सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा ..
यह सारे नियम साबर मंत्रो , या नाथ पन्थो के  ,या अघोर पन्थो के  संप्रदाय में लागु होता है ..
तो मित्रो उचित कार्य प्रणाली को अपनाये और अपना जीवन सार्थक बनाये ..यही हमारी समूचे साधक मित्रो के लिए सन्देश  है ..



जय महाकाल -

जय बम्म भोले आदेश गुरुजी  को 


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मोहिनी मंत्र Mohini Mantra




-जय महाकाल - 



- मोहिनी मंत्र Mohini Mantra -



mohini mantra


|| मंत्र ||


लाल सुपारी कामी धारिणी मंत्र खरा आदितवारी ,हमारी खाया सुपारी .उठे सुख न पीठे सुख 
फेर फेर देखे  हमारा मुख , न देखे तो राजा रामचन्द्रजीकी द्वाही ,वीर हनुमान की द्वाही


विधि - 
 मित्रों इस साधना के लिए विशेष विधान हैं , उससे पहले कुछ बात अवश्य बता देना चाहेंगे , विशेष परिस्थिति में ही इस प्रकार के मंत्रो का प्रयोग करना चाहिए ,  अगर अपने जान पर बन आयी हो , या कोई कोई दुश्मन बार बार तकलीफ  दे रहा हो तब ही इस मंत्र को उपयोग में लाये , किसी का अहित अथवा अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करना दण्डनीय अपराध हो सकता हैं ईश्वर के दरबार में ,विधान इस प्रकार हैं। .. सबसे पहले काली सुपारी का इंतजाम कर ले , अगर मालूम नहीं पड़े तो तांत्रिक सुपारी भी कहते हैं इसको ,ज्यादा तर नेपाल में इसकी उत्पत्ति ज्यादा मिलती हैं। .भारत में काम ही जगह देखने की मिलती हैं ये सुपारी बहोत दुर्लभ हैं ये। . चौदस के रात ३ काली सुपारी बिना चबाये निगल ले। . सुभे जब शौच से निकले  उसे साफ़ पानी से धो ले। . फिर गंगाजल से धो ले उसके पश्चात धुप दिखा कर उस सुपारी पे ५ माला मंत्र पढ़े। .. और इच्छित व्यक्ति को पान के माध्यम से खिला दे। . तो वोह व्यक्ति आपके अनुकूल कार्य करने लगेः 




Guruji  09207 283 275




हनुमत् ‘साबर’ मन्त्र प्रयोग

जय महाकाल - 


हनुमत् ‘साबर’ मन्त्र प्रयोग-





जय महाकाल मित्रों। . आज के इस कलयुग में , हर इंसान का कोई न कोई शत्रु जरूर होता हैं। . कोई  मनुष्य के रूप में तो कोई , ग्रहों के रूप में , अगर कुछ नहीं तो भूत प्रेत के रूप में वो अपने जीवन   में अनजाने में प्रवेश कर जाते हैं। . तो कई लोगो को इसका इलाज जल्द ही मिल जाता हैं तो , कई लोगों को कई वर्षो तक इसका हल ढूंढ ने में लग जाता हैं। . तो दोस्तों निचे दिए गए मंत्र से आपको शत्रुओं से राहत अवश्य मिलेगी। .. मगर इस मंत्र का उपयोग हित के लिए करे। .. किसी के अहित के लिए नहीं। .. अन्यथा आप खुद संकट में पड जाओगे। ..

इस मंत्र से कुछ विशेष क्रिया भी किये जा सकते है  -


हनुमत् ‘साबर’ मन्त्र प्रयोग



।। श्री पार्वत्युवाच ।।

हनुमच्छावरं मन्त्रं, नित्य-नाथोदितं तथा ।
.
वद मे करुणा-सिन्धो ! सर्व-कर्म-फल-प्रदम् ।।.. 

****

।। श्रीईश्वर उवाच ।।


आञ्जनेयाख्यं मन्त्रं च, ह्यादि-नाथोदितं तथा ।

सर्व-प्रयोग-सिद्धिं च, तथाप्यत्यन्त-पावनम् ।।

****

।। मन्त्र ।।



“.. ॐ ह्रीं यं ह्रीं राम-दूताय, रिपु-पुरी-दाहनाय अक्ष-कुक्षि-विदारणाय, अपरिमित-बल-पराक्रमाय, रावण-गिरि-वज्रायुधाय ह्रीं स्वाहा ।।”.. 


विधि -  गुरु की आज्ञा अथवा  गुरु अनुमति ले कर साधना शुरू करे अन्यथा लाभ नहीं होगा 

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शाबर मंत्रो को जगाने का पर्याय

जय महाकाल 


शाबर मंत्रो को जगाने का पर्याय -







शाबर मंत्रो को जगाने का पर्याय -


अगर बहोत कोशिश करने पर मंत्र जागृत नहीं हो रहे हो तो इस साधना को करके कोई भी साबर मंत्र जग सकते हो आप ..इस साधना को कर इसे सार्थक करे ..( अगर फिर नहीं हुआ तो साबर कल्प्सिद्धि से तो होना ही होना है यह हमारा दावा है   ( कल्प्सिद्धि एक विशेष क्रिया है )


मन्त्रः-
..... 
ॐ इक ओंकार, सत नाम करता पुरुष निर्मै निर्वैर अकाल मूर्ति अजूनि सैभं गुर प्रसादि जप आदि सच, जुगादि सच है भी सच, नानक होसी भी सच -... 
मन की जै जहाँ लागे अख, तहाँ-तहाँ सत नाम की रख । चिन्तामणि कल्पतरु आए कामधेनु को संग ले आए, आए आप कुबेर भण्डारी साथ लक्ष्मी आज्ञाकारी, बारां ऋद्धां और नौ निधि वरुण देव ले आए । प्रसिद्ध सत-गुरु पूर्ण कियो स्वार्थ, आए बैठे बिच पञ्ज पदार्थ । ढाकन गगन, पृथ्वी का बासन, रहे अडोल न डोले आसन, राखे ब्रह्मा-विष्णु-महेश, काली-भैरों-हनु-गणेश । सूर्य-चन्द्र भए प्रवेश, तेंतीस करोड़ देव इन्द्रेश । सिद्ध चौरासी और नौ नाथ, बावन वीर यति छह साथ । राखा हुआ आप निरंकार, थुड़ो गई भाग समुन्द्रों पार । अटुट भण्डार, अखुट अपार । खात-खरचत, कछु होत नहीं पार । किसी प्रकार नहीं होवत ऊना । देव दवावत दून चहूना । गुर की झोली, मेरे हाथ । गुरु-बचनी पञ्ज तत, बेअन्त-बेअन्त-बेअन्त भण्डार । जिनकी पैज रखी करतार, नानक गुरु पूरे नमस्कार ।
अन्नपूर्णा भई दयाल, नानक कुदरत नदर निहाल ।
ऐ जप करने पुरुष का सच, नानक किया बखान,
जगत उद्धारण कारने धुरों होआ फरमान ।
अमृत-वेला सच नाम जप करिए ।
कर स्नान जो हित चित्त कर जप को पढ़े, सो दरगह पावे मान ।
जन्म-मरण-भौ काटिए,.. जो प्रभ संग लावे ध्यान । जो मनसा मन में करे, दास नानक दीजे दान ।।... 






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विविध कार्य-साधक अम्बिका मन्त्र

विविध कार्य-साधक अम्बिका मन्त्र

ॐ आठ-भुजी अम्बिका, एक नाम ओंकार।
खट्-दर्शन त्रिभुवन में, पाँच पण्डवा सात दीप।
चार खूँट नौ खण्ड में, चन्दा सूरज दो प्रमाण।
हाथ जोड़ विनती करूँ, मम करो कल्याण।।
नित्य जप करके जो भी प्रार्थना की जायेगी, पूरी होगी। सिद्ध मन्त्र है, अलग से सिद्ध करना आवश्यक नहीं है। नित्य कुछ जप पर्याप्त है।
और गुड़ किसी देवी मन्दिर में चढ़ा दें। प्रसाद स्वयं न खाए। शत्रु का नाश होगा।..

महाकाली महाविद्या शाबर मन्त्र- mahakali shabar mantra


-जय महाकाल -


महाकाली शाबर मन्त्र- 









 महाकाली महाविद्या शाबर मन्त्र




सत नमो आदेश । गुरुजी को आदेश । ॐ गुरुजी । ॐ सोऽहं सिद्ध की काया, तीसरा नेत्र त्रिकुटी ठहराया । गगण मण्डल में अनहद बाजा । वहाँ देखा शिवजी बैठा, गुरु हुकम से भितरी बैठा, शुन्य में ध्यान गोरख दिठा । यही ध्यान तपे महेशा, यही ध्यान ब्रह्माजी लाग्या । यही ध्यान विष्णु की माया ! ॐ कैलाश गिरी से, आयी पार्वती देवी, जाकै सन्मुख बैठ गोरक्ष योगी, देवी ने जब किया आदेश । नहीं लिया आदेश, नहीं दिया उपदेश । सती मन में क्रोध समाई, देखु गोरख अपने माही, नौ दरवाजे खुले कपाट, दशवे द्वारे अग्नि प्रजाले, जलने लगी तो पार पछताई । राखी राखी गोरख राखी, मैं हूँ तेरी चेली, संसार सृष्टि की हूँ मैं माई । कहो शिवशंकर स्वामीजी, गोरख योगी कौन है दिठा । यह तो योगी सबमें विरला, तिसका कौन विचार । हम नहीं जानत, अपनी करणी आप ही जानी । गोरख देखे सत्य की दृष्टि । दृष्टि देख कर मन भया उनमन, तब गोरख कली बिच कहाया । हम तो योगी गुरुमुख बोली, सिद्धों का मर्म न जाने कोई । कहो पार्वती देवीजी अपनी शक्ति कौन-कौन समाई । तब सती ने शक्ति की खेल दिखायी, दस महाविद्या की प्रगटली ज्योति ।
प्रथम ज्योति महाकाली प्रगटली ।



विधि -  

शाबर मंत्र सिद्धि के लिए , विशेष गुरु की दीक्षा ग्रहण करे जो शाबर मंत्रो में निपुण हो ,  इस मन्त्र के लिए गुरु दीक्षा अथवा गुरु अनुमति लेकर ही साधना का आरंभ करे अन्यथा लाभ नहीं होगा। .. 



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शाबर तंत्र में हनुमान


जय महाकाल - 

शाबर तंत्र में हनुमान-





विधि - विस्तार - 


मित्रो 


 हनुमानजी ने कलयुग में  आस्‍थावान लोगों के बीच सबसे तेज जगह

बनाई है। इनकी महत्ता बहोत अलग ही हैं। .. अत्यंत सरल भाव से

इस साधना को करने से इस मंत्र का तुरंत असर देखने को मिलता

हैं। ... 


आराधना के लिए किसी प्रकार की जटिल विधि की जरूरत नहीं है।

तंत्र की एक शाखा शाबर में भी हनुमानजी से संबंधित मंत्रों का

प्रयोग अधिकतर हनुमान कील और जंजीरा का प्रयोग के रूप में 

किया जाता है।



हनुमान जंजीरा का मंत्र-

हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
.. 
हाथ में लड्‍डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,.. 

अंजनी‍ का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ

नौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान

हुँकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा

डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला

आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे

ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड

की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुँवर हड़मान करें।।।। 






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