सर्व नाग मंत्र

जय महाकाल -

सर्व  नाग मंत्र -



 हिन्दू  देवताओं  के पुरातन ग्रंथों  आदि में तो नागों की उत्पत्ति के बारे में  हमे  उल्लेख  मिल ता हैं के हजारों वर्षों से उनका अस्तित्व पृथ्वी पर हैं। ..आज  हम आपको  बताते हैं प्रमुख नागों के बारे में…जिनका वर्णन धर्म ग्रंथों में मिलता है।... उनके बारे में  बताते हैं 

वासुकि नाग

हमारे भारत देश में  वर्षों से होती है नागों की पूजा
धर्म ग्रंथों के मुताबिक वासुकि नागों के राजा।  . और ये भगवान शिव के कंठ के आभूषण के रूप में विराजमान रहते हैं…
ग्रंथों के मुताबिक वासुकि महर्षि कश्यप और कद्रू की संतान। .... और ये हमेशा भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं
धर्म ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय नागराज वासुकि की रस्सी बनाकर ही मंथन का काम किया गया था। इसके अलावा त्रिपुरदाह नाम के युद्ध में भगवान शिव ने धनुष से राक्षसों के तीनों पुरों को नष्ट किया था उसकी प्रत्यंचा यानि की डोरी वासुकि ही बने थे.....  हैं 



नागों श्लोक रूपी मंत्र -

अनंतमं वासुकि शेषम पद्मनाभं च कम्बलं || 
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा || 
एतानि नवनामानी नागानां च महात्मनाम || 
सायंकाले पठे नित्यमं प्रात काले विशेषत:||
तस्मै विष भयं नास्ती सर्वत्र विष भवेत् ||  


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