बालक रक्षा कवच -नजर दोष के लिए

जय महाकाल 


बालक रक्षा कवच - 







मित्रों कई बार ऐसा होता हैं की हमारे बच्चे को ऐसी तकलीफ होती है जो की दिन रात रोता हैं , डॉक्टर के पास इलाज करने के बाद भी फर्क नहीं पड़ता , अचानक बच्चे  का रात में चौंकना , और रोना , बार बार बीमार होना , बालक को दस्त लगना  अन्न का हजम न होना अचानक पेट बढ़ कर फूग जाना , अगर ये सब हो रहा हो तो समझ लीजिये की , उसे बहार की बाहर की बाधा हो गयी हैं जो की दिखती नहीं पर अपना असर छोड़ती हैं बालक पर जो की डायन की लाग लग जाती हैं , जिसका इलाज डॉक्टर के पास नहीं हैं , न डॉक्टर इसको समझ सकता हैं , कई बार प्रायः ऐसा देखने में आता हैं , बालक का इलाज न होने पर उसकी मौत हो जाती हैं , हमे ये बता ने में हर्ष हो रहा हैं की अगर कोई बालक बाधित हैं तो उसके लिए हमारे पास एक विशेष बालक रक्षा कवच को निर्माण कर दिया गया हैं , जिसको बालक के गले में धारण करते ही उसे सुकून की नींद , और उसकी बाधा पीड़ा से मुक्ति मिल जाती हैं , बालक स्वस्थ हो जाता हैं ,इस कवच को हमारे यहाँ तंत्र प्रणाली से सिद्ध करके दिया जाता हैं .. इस कवच का मूल्य भी सामान्य रखा गया हैं ताकि सबको इसका लाभ मिल सके। . अगर कोई मित्र इस कवचको  प्राप्त करना चाहे , तो हमसे अवश्य प्राप्त कर सकता हैं ,


जय महाकाल


संपर्क - 09207 283 275







दुर्गा शाबर मन्त्र


-जय महाकाल-


|| दुर्गा शाबर मन्त्र ||  Durga Shabar Mantra











मंत्र -:

ॐ ह्रीं श्रीं चामुण्डा सिंह-वाहिनी..। बीस-हस्ती भगवती, रत्न-मण्डित सोनन की माल। उत्तर-पथ में आप बैठी, हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि। धन-धान्य देहि देहि, कुरु कुरु स्वाहा...।



विधिः-

 इस विशेष  साधना को नवरात्री में सिद्ध कर के उक्त मन्त्र का सवा लाख जप कर सिद्ध कर लें। फिर आवश्यकतानुसार श्रद्धा से एक माला जप करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।  ये शाबर मंत्र अति प्रभावशाली हैं ,सफलता के लिए गुरु का ध्यान आवश्यक हे जो की इस मंत्र को जागृत करने में सहाय्यक हो।   इस  लक्ष्मी मंत्र सिद्ध होने के पश्चात् आपको प्राप्त होती है, नौकरी में उन्नति और व्यवसाय में वृद्धि होती है घर में बरकत होती हैं । और बहोत सारे गुन हैं जो इसकी साधना करने के पश्चात् आप अनुभव करेंगे ....




गुरूजी  -  09207 283 275





भगवती आदिशक्ती आराधना मंत्र -


जय महाकाल ।। जय अलख आदेश


भगवती आदिशक्ती आराधना मंत्र -









साधक मित्रो को एक विशेष  भगवती की साधना दे रहा हूँ ,जो अपने आप में दिव्य हैं , इस साधना को करने के बाद कुछ शेष नहीं रह जाता
ये  आसान भी है और इसके लाभ भी बहुत हैं | दुर्गा अपने साधको  को किसी भी कठिन परिस्थिति से निकाल देती हैं और साधक के  दुर्भाग्य  का नाश करती हैं | उस पर आने वाले हर संकट को पल में दूर कर देती है, है और अपनी दिव्य शक्ति  से साधक के चक्षु  दिव्य दृष्टि देती हैं 
राज राजेश्वरी हर प्रकार काऐश्वर्य और उच्च पद देने में सक्षम है | सरकारी नौकरी भी दे देती है या बेरोजगारी दूर कर  दरिद्रता का नाश कर उसे विलासी  जीवन प्रदान करती है |महाकाली जो चंडिका का स्वरुप है उसे हर प्रकार के शत्रु से सुरक्षा प्रदान कर भय मुक्त जीवन देती है |भगवती चामुंडा उसे मुक्ति प्रदान कर हर प्रकार के सुख प्रदान करती है और उसकी साधना की सफलता में सहायक होती है |  |भगवती के इन् दिव्य स्वरूपों की साधना कर नवरात्रि में  या अन्य किसी भीशुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से शुरू कर के अपने जीवन से अमंगल को हमेशा हमेशा  के लिए दूर करें और भगवती की कृपा प्राप्त कर उसके दिव्य दर्शनों से अपने अपने जीवन को सक्षम बना सकते हैं 

इस साधना के लिए सर्व प्रथम गुरु आज्ञा , गुरु का आशीर्वाद गुरु को दान पुण्य अवश्य करे , तभी साधना की शुरुवात करे।।।।  . अन्यथा लाभ की गुंजाईश मत रखना। ..क्यों की दुनिया की हर वो डोर गुरु से बंधी हैं  जिससे ज्ञान मिलता हैं सिख मिलती हैं  वो सब  गुरु देते हैं , जीवन में सफलता पाना चाहते हो तो हमेशा गुरु जनो को खुश रखना उनका आदर सम्मान अवश्य करे , यहीं सफलता का सूत्र हैं। ... 

यह साधना सात दिन की है |  |  इस साधना को तुम नौरात्रि में  प्रथमा से शुरू कर अष्टमी तक भीकर सकते हो ,


. शुद्ध घी की ज्योत लगाकर लाल फूल, कुमकुम और लाल फल, धूप, नैवेद्य, अक्षत से पूजन करें| पहले गुरु पूजन और श्री गणेश जी का पूजन करें | फिर माँ भगवती से प्रार्थना कर इन् सर्व शक्तियों का   पूजन करें, या फिर पंचौप्चार पूजन कर सकते हैं |
माला .  रुद्राक्ष की या हकीक की कोई भी ले लें |

पूजन आवाहन --

प्रार्थना करें कि हे चामुंडा आदि शक्ति भगवती आप मेरे सभी पापो  का नाश कर मुझे वर प्रदान करें |
फिर नीचे दिया मंत्र 11 माला जपें और अष्टमी के दिन आम्र की समिधा की लकड़ी जला कर 108 आहुति शुद्ध घी कीआहुतिया  दें और कन्या पूजन करें | सप्त कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन दक्षिणा प्रदान करे | अगर घर में संभव न हो तो किसी मंदिर में हलवा आदि कन्याओं को देकर दक्षिणा दें आशीर्वाद लें | इस तरह यह साधना पूर्ण हो जाती है और जीवन के सभी बंद दरवाजे खुल जाते हैं ये अनुभव हैं | इस साधना के पूर्ण होते ही आप के जीवन में परिवर्तन आना शुरू हो जायेगा , ये सत्य अटल हैं।  एक बार अवश्य इस साधना काअनुभव कर के देख लीजिये। .. 


मंत्र-


|| ॐ नमो दुर्गे भगवती राज राजेश्वरी महाकाली भैरवी शाम्भवी स्वाहा || 


जय महाकाल औघड़नाथ 



संपर्क  - 09207 283 275