महातांत्रिक रावण साधना -


जय महाकाल -


महातांत्रिक रावण साधना -






|| मंत्र ||

सत नमो आदेश , गुरूजी को आदेश , ॐ गुरूजी,
केकसी का जाया , सुमाली का खिलाया ,
महापंडित रावण मार मार करदा आया ,
पुष्पक विमान हाथ तीर कमान ,
मारो टेमरु का सोटा , पहुँचो पाताल ,
एक तरफ लौन्कड़ीया दूजे हाथ मेघनाद ,
शिव नाम की लागी धुनी , रावण बजाये नाद ,
शीघ्र आव शीघ्र आव , मंदोदरी के सुहाग !
न आये तो शिव के तीजे नेत्र की आग से भस्म हो जाये !
मेरा कारज न करे तो माता केकसी की छाती पैर धरे !
माता केकसी का पिया दूध हराम करे !
न आये तो तेरी माँ बहन पर चढ़े काबुली घोडा !
चले मन्त्र फुरे वाचा
देखां दशानन तेरी ईल्मी चोट का तमाशा !
कर झटपट, दुहाई ईश्वर महादेव की रहे !



|| विधि ||


यह साधना दशहरा की रात्री काल  में शुरू करे , प्रतिदिन दो  घंटे १५ मिनट तक  जप रात्रि में करे अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा करअथवा  एक पैर पे खड़े हो कर जाप करे। . .. जप के अंत में शिव अष्टोत्तर शत नाम स्त्रोत्र का जाप करे ! यह विधि  दीपावली  की रात्री तक करे और उस रात  में सुबह सूर्योदय तक जप करते रहे ! जाप से पहले अपने चारो और सुरक्षा घेरा बना ले ! प्रतिदिन दूध शिवलिंग पर चढ़ाये और शिवलिंग पर चढ़ाए हुए दूध को घर ले आये , उसी का भोग रावण को लगाये और साथ में कोई भी मिठाई रखे 

जब किसी विशेष कार्य में बाधा आ रही हो और अथक  प्रयास  करने पर भी वह कार्य सिद्ध नहीं हो रहा हो तो शिवलिंग के पास बैठकर सवा घंटे तक इस मंत्र का जाप ध्यान पूर्वक  करे और महातांत्रिक रावण से  से अपने कार्य की सिद्धि के लिए प्रार्थना करे ! कार्य सफल होंगे इसमें कोई संदेह नहीं। .. नियम का विशेष  ध्यान रहे। . गुरु आज्ञा ले कर ही इस साधना को आरम्भ करे। .. 




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संपर्क  -  098464 18100  /  09207 283 275