देवी काली की सिद्धि


जय महाकाल -



देवी काली की सिद्धि -




 शारदीय नवरात्री में। ... भगवती काली मंत्र सिद्ध करे और अपने जीवन का कल्याण करे


मंत्र -

       क्रीं कलिका षोडश वर्षीय जवान हाथ में खड्ग खप्पर तीर कमान।
        गले नरमुंड माला रहे शमशान , आओ आओ माँ कालिके मेरा कहना मान 
        नहीं आये कलिका ,तो काल भैरव की दुहाई। . शब्द साँचा  फुरे मंत्र दुहाई। .. 



विधि

शनिवार की रात मध्यरात्रि से इस साधना की शुरुवात करे ,स्नान आदि कर के  पूर्णतः निर्वस्र हो कर बैठे।।। काले भेड़ के उन के आसन पर बैठ कर दक्षिण दिशा की और मुख कर के बैठ  जाए  ध्यान रहे  साधना के दौरान  साम्ब्री उद की धुनि जलती रहे , समग्री लाल  सिन्दूर , लाल पुष्प , काला सिन्दूर , एक जटावाला नारियल , ७ निम्बू , अगरबत्ती , गुड़ का नेवैद्य , एक बोतल मदिरा , कपूर इत्यादि एक पत्तल पर धरे। .. ये साधना अगर शमसान में की जाये तो , अति शीघ्र सफलता मिलती हैं। .... साधना शुरू करने से पहले गुरु का आशीर्वाद अवश्य ले , अथवा गुरु के मार्गदर्शन में रहकर साधना करे , क्यों की काली देवी उग्रा हैं , जब वह आती हैं तो हंकालते हुए आती हैं ,साधना भयावह हैं , कमजोर दिलवाले इस साधना को न करे। ...




संपर्क -  09207 283 275



लक्ष्मी प्राप्ति के देसी टोटके 

जय महाकाल - 





धन प्राप्ति के घरेलु  टोटके


* घर में तुलसी का पोधा जरुर लगाए ,और हर शाम तुलसी के पौधे         के  पास घी का दीपक जरुर लगाए |

* शाम होने के बाद घर में झाडू कभी नहीं लगाना चाहिए |

* काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतार कर    घर के उत्तर दिशा में फेंक देना है| इससे आपके घर में होने वाली        धनहानि बंद हो जाएगी |आपके खर्चे कम हो जायंगे

* पूजा रूम अलग रखे और पूजा रूम की शुद्धता हमेशा रखे जब          पूजा करनी हो तो पुरे शुद्ध होकर जाए |

* घर में मकड़ी का जाला नहीं होना चाहिये, हमेशा साफ़ करते रहे |

* आपकी दुकान और ऑफिस , जहा भी आप काम करते हो वहा का    स्थान साफ़ रखे |

* घर में बहता पानी ,ताजमहल , इस प्रकार की वस्तु या तस्वीर घर में    न लगाए

* घर में श्रीसूक्त का पाठ करना लाभदायक तरीका है धन प्राप्ति का..   और श्रीसूक्त का हवन भी अवश्य  कीजिए 

* बडो का सम्मान कीजिए ,माता पिता के पैर छूना शुभ होता हैं             क्योकि माँ लक्ष्मी उस पर कृपा नही करती जो व्यक्ति बडो का              सम्मान नही करता हो |

* अपने घर के महिलाओं को हमेशा सम्मान दे , उन्हें जानबुझकर         कष्ट  ना दीजिए , जिस घर में स्त्री दुखी रहती है वहा लक्ष्मी कभी         नही आती है |

* जहा धन रखते हो,वह लाल कपड़ा बिछा कर  एक खशबू दार इत्तर   की शीशी अवश्य रख  दीजिए |

* लक्ष्मी प्राप्ति के लिए सोमवार या फिर शुक्रवार को सफ़ेद चीजो का   दान कीजिए,यह धन प्राप्ति का अचूक टोटका है |

* जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है , उस घर पर लक्ष्मी की         कृपा नही होती है , इसलिए यह ध्यान रखे अपने घर में लड़ाई ना हो |

* जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते है , फिर पूजा करके ही    नाश्ता करते हो |उस घर में लक्ष्मी स्थायी  वास करने लगती है...

* घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नही होना चाहिए , और          नाली में कभी भी नहीं फेकना चाहिए|

* दूसरे की स्त्री या धन पर कभी भी बुरी दृष्टी न डाले | इससे आपके      घर पर आने वाली लक्ष्मी नाराज हो जाती है..

* घर के बरामदे का  कुछ हिस्सा कच्चे मिट्टी का अवश्य छोड़ दे |

*  हमेशा शुचिर्भूत साफ़ सुथरे रहे , गंदे या फटे कपड़े न पहने |

* बेजुबान जानवरों को चारा अथवा  घर के छत पर , चिड़िया कबूतरों    को दाना अवश्य डाले ... धन की बरकत बढ़ती हैं .... 

* अपने घर के ईशान कोने में श्री यंत्र ताम्रपत्र रजत पत्र या भोजपत्र पर   बनाइए प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए 

  * और सबसे बड़ा धन प्राप्ति का उपाय , गरीब  भूके बच्चों को ,अन्न दान    अवश्य करे। .. इससे बड़ा कोई  पुण्य नहीं दुनिया में। . 



धन प्राप्ति के लिए कुबेर मंत्र –


 “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा”
इस कुबेर मंत्र का शुद्धस्वरों के साथ  १०८ बार जाप करना  है.


       धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी मंत्र –


 मंत्र : ॐ श्रीं श्रीये नम:


इस मंत्र का शाम के वक्त घी का दीपक जला कर नित्य १०८  बार जाप करे 

कुछ ही दिनों के नित्य जाप के बाद आपको आशातीत लाभ नजर आएगा ... 






ई-मेल  - gurushiromani23@gmail.com

संपर्क  098464 18100  /  09207 283 275








अघोर कार्य सिद्धि वशीकरण मंत्र - 


|| जय महाकाल || 


-अघोर कार्य सिद्धि वशीकरण मंत्र - 


vashikaran aghor
 अघोर वशीकरण  

मंत्र - 

ॐ नमो आदेश भैरवाय, काली के पुत आवे चिंते चिंताये,मम चितितम कार्य सिद्धि कराए  दुहाई काली माई की दुहाई औघड़ नाथ की। .. 

-विधि -

यह मंत्र एक शक्तिशाली अघोर गुप्त और उग्र मंत्र हैं , जो ज्यादातर अघोरी इस्तेमाल करते हैं , पहली बार हम इस गुप्त मंत्र को प्रकाशित कर रहे हैं -- कृपया सावधानी बरतिएगा अन्यथा अपने हानि के जिम्मेदार तुम खुद ही होंगे।।।   काली चौदस तक इस मंत्र की संख्या ११०००, तक सम्पूर्ण हो जानी चाहिए। . इस तरीके से इस मंत्र को जपना शुरू करे - साधना सम्बंधित वस्तुए - एक निम्बू , एक नारियल , थोड़ा सा सिन्दूर , एक शराब की बोतल। . लोबान की ऊद। . ले कर रात्रि काल में १२ बजे शमसान में जाए। . वहां सरसो के तेल का दिया जला कर ऊनी काले कम्बल आसन  पर बैठ जाये। .. आसन के नीचे मरे हुए चिता की राख बिछा कर उस पर बैठ जाये - पश्चात् सुरक्षा घेरा बना ले दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर के मंत्र जपे  जब तक मंत्र समाप्त न हो तब तक घेरे से बहार न आये। .. रुद्राक्ष की माला पर ०१: ३० घंटा तक बिना डरे जाप करे , कोई पुकारे या डरावनी आवाज आये तो डरे नहीं अपना जाप सम्पूर्ण करे इस प्रकार २१ दिन तक जाप करे। अंतिम दिन १० माला का हवन करे। .. मंत्र सिद्ध हो जायेगा। . 

जब उपयोग में लाना हो तो जिस काम का संकल्प करेंगे तब शमसान में  बलि भेंट करे और एक माला मंत्र फेरे कार्य सिद्ध होगा 

https://mantraparalaukik.blogspot.com/

विशेष नोट - ये अत्यंत उग्र साधना हैं गुरु के  मार्गदर्शन में रहकर साधना करे अन्यथा अपने हानि के जम्मेदार आप खुद ही होंगे 




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कामेश्वरी यक्षणी सिद्धि 

जय महाकाल  - 


कामेश्वरी यक्षणी  मंत्र - सिद्धि -




मंत्र -

ॐ कामेश्वरी काम  सिद्धेश्वरी स्वाहा :ॐ फट स्वाहा : ॐ ह्रीं कुरु कूरु  स्वाहा 

-  जय महाकाल -

क्या होती हैं यक्षणीया  .इनको यानी .यक्षिणीयों  को शिव जी की दासिया भी कहा जाता है.. यक्ष का शाब्दिक वाचक  अर्थ होता है जादू की अलौकिक शक्ति..। आदिकाल में प्रमुख रूप से ये रहस्यमयी शक्तियां थीं.. और आज भी हैं  ।..देवी देव दानव दैत्य राक्षस.,गण  यक्ष गंधर्व.अप्सराएंभुत पिशाच,..किन्नर.., , रीझ..,भल्ल.., किरात..., अष्टकुली  वासुकि नाग आदि..। ये सभी शक्तियां मनुष्य जाती से  से कुछ अलग थे..। इन सभी के पास अलौकिक शक्तियां हुआ करती  थी और ये सभी .. मानवों की किसी न किसी रूप में सहायता  जरूर  करते थे। देवताओं के बाद देवीय शक्तियों के मामले में यक्ष की ही गिनती होती हैं ...कहते हैं कि यक्षिणियां सकारात्मक शक्तियां हैं... तो पिशाचिनियां ..नकारात्मक शक्ति हैं । बहुत से लोग यक्षिणियों को भी किसी भूत-प्रेतनी की तरह मानते हैं..., लेकिन यह सच नहीं है...। रावण का सौतेला भाई कुबेर एक यक्ष था..., जबकि रावण एक राक्षस रूपी पंडित था। . .। महर्षि पुलस्त्य के पुत्र विश्रवा की दो पत्नियां थीं इलविला और कैकसी..। इलविला से कुबेर और कैकसी से रावण.., विभीषण.., कुंभकर्ण का जन्म हुआ था ..। इलविला यक्ष जाति से थीं तो कैकसी राक्षस जाती की थी। . ठीक इसी प्रकार। .
जिस तरह प्रमुख 33 देवता होते हैं..., उसी तरह 64 यक्ष और यक्षिणियां भी होती हैं। इनमे से निम्न ८  यक्षिणियां


प्रमुख मानी जाती है..


( यक्षणियों के नाम - ) 

*सुर सुन्दरी यक्षिणी..

*मनोहारिणी यक्षिणी..

*कनकावती यक्षिणी..

*कामेश्वरी यक्षिणी..

*रतिप्रिया यक्षिणी..

*पद्मिनी यक्षिणी..

*नटी यक्षिणी..

*अनुरागिणी यक्षिणी..



और कामेश्वरी यक्षणी 

विधि -

इस साधना को रात्रि काल में  ११:३०  पश्चात् शुरू करे वनीयन वृक्ष के निचे  देसी गाय के घी का दीपक कोरे मट्टी के सकोरे के अंदर घी डाल कर उसे प्रज्वलित करे  काले ऊनी कंबल के ऊपर आसन बिछा कर  मंत्र की ३१ दिनों तक रुद्राक्ष माला पर  २१ माला नित्य जाप करना हैं ..  ३१ वे दिन कामेश्वरी यक्षणी दर्शन देती हैं।।।। इसमें कोई संदेह नहीं यक्षणी सिद्ध होने के पश्चात् उससे वचन मांग ले  आजीवन साथ रहने का . . भविष्य में किसी वस्तु की कमी नहीं होने देगी यक्षणी सिद्धि के पश्चात् ... साधना काल में भयावह अनुभूति होती हैं। .. उचित गुरु के सानिध्य में रहकर साधना करे , अन्यथा हानि होने की सम्भावना। हो सकती हैं। .. 

                                                      


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