Pages

कर्ण पिसाचिनि साधना मंत्र -

जय महाकाल


कर्ण पिसाचिनि साधना मंत्र -



pisachini



कर्णपिशाचिनी  मंत्र-
”ओम ह्रीं नमो भगवति कर्णपिशाचिनी चंडवेगिनी वद वद स्वाहा”

विधि -


चेतावनी -

यह मंत्र साधना तीव्र एवं  उग्र पिशाचनी की हैं जो की सोचने में  आसान प्रतीत होती हैं किंतु इनके संपन्न करनेपर मामूली सी गलती भी साधक के लिए घातक हो   सकती है। साधक इन्हें किसी विशेष गुरु के सानिध्य में ही  रहकर संपन्न करें। अन्यथा इस साधना से अगर किसी को हानि होती हैं तो इसके लिए प्रकाशक जिम्मेदार नहीं। ...  पाठकों को जानकारीदी जाती है किकर्णपिशाचिनी साधना के प्रयोगों की श्रृंखला अब संपूर्ण हो रही!!  कृपया अपनी सूझ बुझ से काम ले। ..  किसी जानकार गुरु के निर्देश मार्गदर्शन लेकर इस साधना का आरम्भ करे

यह तन्त्र मित्रों को दनें का  उद्देश्य  मात्र ग्यानार्थ दे रहा हुँ !! किसि भी प्रकार कि साधना करने से पुर्व उस साधना को जानने वाले गुरु से दिक्षा ले कर ही प्रारंभ करे  !!  इस साधना का गलत स्तेमाल करने वाले को अपने जान से हाथ धोना पड सकता हैं 

                                         संपर्क - 09207 283 275