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सोमवती अमावस्या की विशेष साधना उपाय - Somvati Aamavasya Ki Vishesh Sadhna upaay


सोमवती अमावस्या की विशेष साधना उपाय  - Somvati Aamavasya Ki Vishesh Sadhna upaay 


जय महाकाल ।। जय अलख आदेश । 


हिन्दू धर्म शास्र के अनुसार अमावस्या  तिथि का भी बहुत बड़ा महत्व होता है। प्राय सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या किसी भी  महिने  के कृष्ण पक्ष की  सोमवार को जब भी पड़े तब उस योग को सोमवती अमावस्या  मनाई जाती है। इस दिन स्नान और दान करने का बहुत महत्व होता है। सोमवती अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी सरोवर  में स्नान करने और दान करने से अपने रूठे हुए पितृ अनुकूल होकर  उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही हर परेशानी एवं संकट  से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए।



विशेष कर सोमवती अमावस्या पर साधको द्वारा चन्द्रमा को अनुकूल किया जाता हैं अगर कोई साधक हैं तो।  वैसे सामान्य व्यक्ति सोमवती अमावस्या पर पितरों को अनुकूल करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए । इस दिन दूध और चावल का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न  रहते हैं  और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

* अन्य विधि - विशेष महिलाओं के लिए -

दाम्पत्य जीवन के लिए  महिलाओं द्वारा सोमवती अमावस्या का व्रत बहुत ही विशेष  माना गया है हिन्दू पंचांग के गणना अनुसार वर्ष की  पहली सोमवती अमावस्या चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती जाती है. इस दिन विवाहित इस्रीया महिलाएं दांपत्य जीवन में खुशहाली की कामना से व्रत रखती है और भगवान शिव व पार्वती को प्रसन्न कर उनका पूजन करती हैं. मान्यता है कि यह व्रत अखंड सौभाग्य की कामना के  लिए यह व्रत रखा जाता है. 

सोमवती अमावस्या की विशेष पूजा - 

 मित्रो जो व्यक्ति साधारण हो या कोई साधक हो अगर उनके जीवन में अनेको कष्ट आ रहे हो और वे थम ने का नाम नहीं ले रहा हो 

तब श्रद्धा पूर्वक शिव भक्ति सोमवती अमावस्या को करनी चाहिए , इस योग का इंतज़ार करते हुए इस योग में किसी पवित्र नदी में कमर जितने पानी में  स्नान कर डुबकी लगते हुए  श्वास को बंद कर के डुबकी में "हर हर महादेव हर हर गंगे " इस मंत्र का जितने देर तक पानी के अंदर रहते हुए जाप करोगे 

उतना ही शरीर के ऊपर लगा हुआ दोष एवं दुष्ट भार हल्का हो जाता हैं। ( कृपया जिनको पानी से भय लगता हो तैरना न जानते हो वे नदी तट पर ) लोटे से नदी का जल ले कर स्नान करते जप कर सकते हैं उनको पानी में नहीं जाना चाहिए    बाबा भोलेनाथ का माँ गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होकर उस व्यक्ति को कुछ ही दिनों में व्यक्ति को परिवर्तन नजर आजाता हैं।  इसमें कोई संशय नहीं इन सर्व विधि विधान के लिए व्यक्ति को दृढ़ विश्वस और अपने इष्ट पर अटूट श्रद्धा भक्ति होनी चाहिए तभी फल अपेक्षित होता हैं।  भौतिक जीवन में आने वाली समस्याओ का निराकरण करने के लिए  गुरु सानिध्य द्वारा भी व्यक्ति  को कष्टों से निदान प्राप्त कराया जा सकता हैं | 

जय महाकाल |  आदेश | 


गुरूजी - +91 9207283 275