दत्तात्रेय शाबर मंत्र सर्व बाधा संकट में निवारण हेतु गुप्त विधि,




– जय महाकाल आदेश  –


दत्तात्रेय शाबर मंत्र सर्व बाधा संकट में निवारण हेतु गुप्त विधि 


– दत्तात्रेय शाबर मंत्र –


दत्तात्रेय शाबर मंत्र

दत्तात्रेय भगवान – अवतार, जीवन और आध्यात्मिक योगदान

दत्तात्रेय भगवान हिंदू धर्म में एक अद्वितीय और दिव्य ब्रम्ह स्वरुप चैतन्य रूप में पूजे जाते हैं। इन्हें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का संयोग माना जाता है, यानी इनमें सृजन, पालन और संहार का सामंजस्य है। उनके व्यक्तित्व और शिक्षाएं केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

–:दत्तात्रेय भगवान के अवतार :–

दत्तात्रेय भगवान के कई अवतार माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इनकी सबसे प्रसिद्ध अवतार हैं:

अथर्वा ऋषि अवतार – जहां उन्होंने योग, साधना और आध्यात्मिक विज्ञान की शिक्षा दी।

अज्ञानी-ज्ञानवंत अवतार – जिसमें साधक को संसार की मायावी चीज़ों से परे रहकर ज्ञान की ओर मार्गदर्शन दिया।

नागार्जुन और अन्य संतों के माध्यम से उपदेश – दत्तात्रेय की शिक्षाएं समय-समय पर महान संतों और ऋषियों के माध्यम से लोगों तक पहुँचती रहीं।

इन अवतारों का उद्देश्य मानव जीवन में आध्यात्मिक जागरण और मोक्ष की दिशा दिखाना था।

आध्यात्मिक तंत्र में योगदान:–

दत्तात्रेय भगवान का तंत्र और योग क्षेत्र में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वे गुरु और साधक के आदर्श के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनके तंत्र और साधना में मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

एकत्व और आत्म-ज्ञान की शिक्षा:–
दत्तात्रेय ने बताया कि सभी जीवों में एक ही परमात्मा विद्यमान है। इस ज्ञान के माध्यम से साधक अपने अहंकार को त्यागकर आत्मज्ञान प्राप्त करता है।

निरंतर साधना और ध्यान:–
उनके उपदेशों में ध्यान, मंत्र और साधना का विशेष महत्व है। दत्तात्रेय तंत्र में मंत्रों और साधना विधियों का प्रयोग करके साधक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करता है।

साधक का मार्गदर्शन:–

दत्तात्रेय का तंत्र कहता है कि ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है। उन्होंने अपने शिष्यों को न केवल मंत्रों की शिक्षा दी, बल्कि उन्हें धर्म और नीतिशास्त्र के अनुसार जीवन जीने का तरीका भी बताया।

आध्यात्मिक मुक्ति का मार्ग:–

दत्तात्रेय भगवान का तंत्र और शिक्षाएं मुख्य रूप से मुक्ति (मोक्ष) प्राप्ति के लिए हैं। उनके अनुयायी मानते हैं कि सच्चे साधक उनके निर्देशों का पालन करके सांसारिक बंधनों से मुक्त हो सकते हैं।

दत्तात्रेय  भगवान की पूजा और साधना:–

दत्तात्रेय भगवान की पूजा में त्रिदेव का प्रतीकात्मक समावेश होता है। उनके मंत्र, ध्यान और तंत्र साधनाएं साधक को आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।

मंत्र: “ॐ दत्तात्रेयाय नमः”

साधना समय: प्रातःकाल या किसी विशेष योग समय

लाभ: मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन में संतुलन

निष्कर्ष:–

दत्तात्रेय भगवान केवल एक देवता नहीं, बल्कि गुरु और मार्गदर्शक हैं। उनके अवतार, शिक्षाएं और तंत्र साधनाएं हमें आत्मा की वास्तविकता, ध्यान और मोक्ष की ओर ले जाती हैं। उनके उपदेशों का पालन करके साधक न केवल अपने जीवन में शांति और संतुलन पा सकता है, बल्कि आध्यात्मिक ऊँचाई तक भी पहुँच सकता है।

दत्तात्रेय भगवान का संदेश सरल है – ज्ञान, भक्ति और साधना के माध्यम से ही मानव जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है।


मंत्र
ॐ ह्रिम श्रीं द्राम दत्त दत्त दिगम्बर अवधूत परम हंस दिगम्बर 
त्रयलोक्यनाथ संकट मोचन दिगम्बर भूत प्रेत, पिशाचादि बाधा
विनाशनं कुरु कुरु रोग शोक दुर्भिक्ष दुःख नाशन कुरु कुरु
जय जय श्री गुरुदेव दत्त दिगंबर 
ॐ ह्रिम श्रीं द्राम दत्तात्रेयाय नम:फट फट स्वाहा 


मंत्र साधना गुप्त विधिः 

किसी पवित्र स्थान में एकांत जगह में बैठ इस साधना को पंचमी से या पूर्णिमा से शुरू करे
समय प्रात कल ५ ,६ के मध्य में करने का प्रावधान हैं बाकी साधक अपने समय नुसार करे
परंतु सुबह जितनी जल्दी सूर्योदय से पहले शुरू करे तो उत्तम है, धूप दीप पुष्प अर्पण करे
गुरु महाराज से इस साधना की आज्ञा ले मेरे जीवन में आने वाले संकट का नाश करे और
संसार सुख की प्राप्ति हो या जो मनन करना हो उस अनुसार कह कर शुद्ध आसान पर बैठ
कर एकाग्र हो कर भगवान का जप करे १०८ की संख्या में जप करे नित्य समय का ध्यान रखे
साधना ७,११,२१ दिन तक की जा सकती है , परंतु जितना ज्यादा दिन करेंगे उतनी शक्ति जल्द
अपना असर दिखाएगी जप शुरू करने से पहले दान पुण्य कर के गुरु आज्ञा ले कर साधना
आरम्भ करे इससे साधना शीघ्र सफल हो जाती हे

शाबर मंत्र लाभ:

सांसारिक जीवन में आने वाली कठिनाई से मुक्ति मिलती हे संसार सुखों की प्राप्ति होती है
आरोग्य, धन सम्पदा, में वृद्धि होती है, सुख शांति, होती हैं, भूत, प्रेत,पिशाच बाधा से मुक्ति
मिलती है और अन्य लाभ प्राप्ति होती है|



गुरुजी :  9207283275







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