|| जय महाकाल आदेश ||
–: विद्या दात्रि सरस्वती मंत्र :–
Saraswati सरस्वती शाबर मंत्र विद्या, बुद्धि और मेधा बढ़ाने की सिद्ध साधना
सरस्वती शाबर मंत्र विद्या, बुद्धि, स्मरण शक्ति और ज्ञान में वृद्धि करने के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली और सरल साधना मानी जाती है। जो विद्यार्थी पढ़ाई में एकाग्रता नहीं बना पाते, प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार असफल होते हैं या जिनकी बुद्धि कुंद हो गई है, उनके लिए यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी बताया गया है।
माता सरस्वती को विद्या, ज्ञान, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उनकी उपासना से व्यक्ति की सोच, समझ और स्मरण शक्ति में सकारात्मक परिवर्तन आता है। सरस्वती शाबर मंत्र अन्य वैदिक मंत्रों की तुलना में सरल होते हैं, जिन्हें सामान्य व्यक्ति भी सही श्रद्धा और नियमों के साथ कर सकता है।
इस पोस्ट में हम आपको सरस्वती शाबर मंत्र, उसकी साधना विधि, लाभ, सावधानियाँ और यह मंत्र किसके लिए उपयुक्त है , इन सभी विषयों की जानकारी सरल हिंदी भाषा में देंगे, ताकि आप इसे सही तरीके से समझकर लाभ प्राप्त कर सकें।
यदि आप विद्या प्राप्ति, बुद्धि विकास और मानसिक एकाग्रता बढ़ाने का उपाय खोज रहे हैं, तो यह सरस्वती शाबर मंत्र साधना आपके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
साधक मित्रो जो भी व्यक्ति साधना क्षेत्र में विजय प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए सरस्वती मा का आशीर्वाद
लिए बिना साधना क्षेत्र अधूरा है समझ लीजिए सरस्वती मां ज्ञान दरवाजा खोल कर साधक के जीवन में प्रकाश
उजाला भर देती है उसका जीवन धन्य कर देती है, तो साधक मित्रो आज आपके लिए सरस्वती मंत्र प्रस्तुत किया
जा रहा है जिसकी साधना करके अपने जीवन में उन्नति अवश्य कर सकते हो |

विद्या दात्रि – सरस्वती शाबर मंत्र –
१) ॐ ऐं वद वद वाग्वादिनी मा तुम आओ ॐ नमो आदेश गुरु को।"
२)"ॐ नमो भगवती श्री महा सरस्वती ह्रीम ह्रीम ठह ठह स्वाहा।"
(ज्ञान, स्मरण शक्ति और कार्य सिद्धि में विशेष प्रभावी)।
– साधना विधि –
स्थान और समय: किसी शांत जगह पर सरस्वती माँ का चित्र या यंत्र किसी पट्टे पर स्थापित करें। रविवार या
शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है।
सामग्री: धूप, दीप, अक्षत (चावल), वस्त्र, और मिट्टी के दीपक हों तो अति उत्तम
मंत्र जाप: ऊपर दिए गए मंत्रों में से किसी एक का चुनाव करें और उसका नियमित जाप करें। स्फटिक की माला
का प्रयोग उत्तम माना जाता है।
अनुष्ठान: मंत्र का जाप करते समय विधि में कोई बदलाव न करें। एक घंटे या अपनी क्षमतानुसार जाप करें, फिर माँ से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
यदि साधना पूर्ण हुई : जाप के बाद सामग्री मंदिर में रख दें या किसी वृक्ष के नीचे रख आएं।
लाभ:–
वाणी में स्पष्टता और ओज आता है।प ढ़ाई और परीक्षा में सफलता मिलती है।स्मृ ति (याददाश्त) और एकाग्रता
बढ़ती है।जीवन के सभी क्षेत्रों में विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
महत्वपूर्ण: किसी भी साधना को शुरू करने से पहले किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शन लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है
गुरु के बगैर समझो साधना ना के बराबर है ऐसा समझो |
बाहोत बार साधक को सरस्वती सिद्ध नहीं होती कमजोर राशि के होने के कारण सफ़ल हो नहीं पाते वो साधक
नीचे दिए गए किसी एक मंत्र का अपनी राशी अनुसार जाप करे एक महीने नित्य नियम से साधना में अवश्य
सफलता मिल सकती है
{ अन्य सरस्वती मंत्र }
मेष- ॐ महाभद्रायै नम:।
वृषभ- ॐ महापातक नाशिन्यै नम:।
मिथुन- ॐ महाविद्यायै नम:।
कर्क- ॐ शिवानुजायै नम:।
सिंह- ॐ सुनासायै नमः।
कन्या- ॐ दिव्यांगाय नम:।
तुला- ॐ मालिन्यै नम:।
वृश्चिक- ॐ विश्वायै नम:।
धनु- ॐ ॐ सौदामिन्यै नम:।
मकर- ॐ वाग्देव्यै नम:।
कुंभ- ॐ तीव्रायै नम:।
मीन-ॐ शारदे नम:।
गुरूजी:– 9207283275




