भैरव साधना का गुप्त रहस्य | shatru ka Aant

 

-भैरव साधना का गुप्त रहस्य कुछ ही दिन  में शत्रु से छुटकारा -



- जय महाकाल मित्रो  

एक ऐसा तांत्रिक प्रयोग,जिसमें न तो किसी विशेष पूजा-पाठ की ज़रूरत है, न माला की,न किसी विशेष यन्त्र की । बस... श्रद्धा चाहिए, धैर्य चाहिए और हिम्मत की आवशकता भी जरुरी हैं ।जी हां, सिर्फ एक घंटे का प्रयोग..और फिर देखिए कैसे आपका शत्रु आपकी राह छोड़ देता है,जो आपके मार्ग में कांटे बिछा रहा था, वो खुद हट जाएगा।जो आपको मानसिक रूप से परेशान कर रहा था, वो शांत हो जाएगा।यह प्रयोग है  काल भैरव जी का।  भैरव: समय के स्वामी हैं । भैरव: रक्षक भी हैं और ,संहारक भी।और जब शत्रु परेशान करने पर उतर आए, तो काल भैरव का नाम ही काफी है!

साधना में सामग्री क्या चाहिए? लिख लीजिये ..ना मंदिर की घंटी, ना शंख, ना भव्य पूजा की ज़रूरत।बस ये कुछ सामान,  चार चीजें ले आइए:

४  काली मिर्च के दाने, ४  साबुत उड़द के दाने, लाल रंग की स्याही या कुमकुम में जल घोल के  सफेद कागज (या भोजपत्र) इसके अलावा, यदि संभव हो तो सामान्य पूजा सामग्री जैसे अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक भी रख लें  ताकि साधना को बल मिले। 

{ इस प्रयोग का सर्वोत्तम समय है }

शनिवार की रात्रि, विशेषकर १०  बजे से २  बजे के बीच  यानी महानिशा काल।और नहीं तो, संध्या के बाद किसी भी समय कर सकते हैं। पर ध्यान रहे  यदि अमावस्या का योग हो , तो उस दिन यह प्रयोग और भी ज़्यादा प्रभावशाली हो जाता है।

 दिशा कौन-सी हो? दक्षिण दिशा में मुख करके बैठना है। क्योंकि जब शत्रु नाश की बात होती है,जब किसी की बुरी नजर, बुरी सोच से मुक्ति पानी होती है,तो दक्षिण दिशा ही वह दिशा है जहाँ काल भैरव की शक्ति सबसे तीव्र होती है।

 प्रयोग की विधि:-

एक शांत, एकांत कमरे में दक्षिण की ओर मुख करके बैठें।सामने दीपक जलाएं — सरसों के तेल का।

कागज पर अपने शत्रु का नाम लाल स्याही  या सिन्दूर से  लिखें। एक से अधिक हो तो सबके नाम लिखिए।

उस कागज या भोज पत्र  पर ४  काली मिर्च और ४ उड़द के दाने रखें। ध्यान से बैठ जाइए... कुछ क्षण आँखें बंद करें...

ध्यान करें , गुरु गणेश  कुलदेवता, पितृदेव, स्थान देवता।फिर शिव-पार्वती और काल भैरव का ध्यान करें।

अब करें  - गुरु मंत्र: ध्यान   जो आपको आता  हो  या  नहीं है तो | ॐ नमः शिवाय का जाप करे 


🕉️ अब मूल मंत्र का जाप करें  एक घंटे  तक लगातार:


 मंत्र - काल भैरव 

ॐ नमः काल भैरव कालिका तीर मार तोड़, वैरी की छाती तोड़ हाथ।

काल जो काढ़े बती सी यदि यह काज न करे।नोखनी योगिनी का तीर छूटे।

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, पुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।


 इस मंत्र को पहले याद कर लें, फिर त्राटक करते हुए लगातार आधे घंटे तक  इसका जाप करें  बिना माला के।

 जप के बाद भैरव जी को प्रणाम करें, उनसे क्षमा मांगें और विनती करें "हे भैरव देव, मेरा शत्रु शांत हो जाए, मुझे कष्ट देना बंद करे।"

जो सामग्री (कागज + दाने) आपने रखी है, उसे एक कपड़े या कागज में बांध दें।वहीं दीपक के पास छोड़ दें।

अगले दिन रविवार सुबह, उस पुड़िया को घर से बाहर ले जाकर जला दें।अगर संभव हो तो कपूर डालें या गड्ढा खोदकर अग्नि में विसर्जित करें।

इस प्रयोग को  कम से कम ५  शनिवार अधिकतम ७  शनिवार आप देखेंगे, जैसे-जैसे यह प्रयोग आगे बढ़ेगा, शत्रु की शक्ति कमज़ोर पड़ती जाएगी।बाधाएँ हटती जाएँगी।और आप आत्मबल से भरपूर हो जाएँगे।यह प्रयोग केवल न्याय के लिए करें,किसी को अनावश्यक नुकसान पहुँचाने की भावना से न करें नहीं  तो आपका ही नुक्सान होगा  इसके लिए हमारा माध्यम जिम्मेदार नहीं होगा । अपने जोखिम पर प्रयोग करे 

आपकी भावना जितनी शुद्ध होगी, प्रयोग उतना ही प्रभावशाली होगा।भैरव जी की कृपा से शत्रु नाश संभव है पर विश्वास, संयम और नियम से की गई साधना ही फल देती है।आपका जीवन शांति, विजय और सुरक्षा से भर जाएगा 

 ऐसे उग्र प्रयोग हमेशा गुरु निर्देश में करें तो ठीक रहेगा सुरक्षा बनी रहेगी | 


परामर्श -   + 91 9207283275 




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