तांत्रिक बंधन तोड़ने का मंत्र -



|| जय महाकाल || 


-तंत्र मंत्र का बंधन तोड़ने का मंत्र -

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जय महाकाल साधक दोस्तों बहोत अंतराल के बाद पोस्ट डाल रहा हूँ व्यस्तता के कारन पोस्ट नहीं 
कर पा रहा हूँ अब प्राक्रतिक आपदा महामारी चल रही हैं कुछ् समय मिला सोचा कुछ जानकारी 
आपके सेवा में प्रस्तुत करूँ मित्रो तंत्र की दुनिया में विचरण  करना हैं तो बहोत से अच्छे बुरे अनुभवोसे साधको 
को गुजरना पड़ता  हैं घटनाये होती रहती हैं कुछ तांत्रिक दुष्ट भावना से किसी का अनिष्ट कर देते हैं 
किसी के घर परिवार में तंत्र के माध्यम से बाधाओं को भेज कर उस व्यक्ति का परिवार तक  बर्बाद कर देते हैं 
कुछ साधक इस क्षेत्र में नए नौसिखिये होते हैं और कुछ पक्के साधक होते हैं वे अगर जान ले की कोई उनके आस पास सिख कर आया हैं तो चुपके से तंत्र के माध्यम से वे उसकी विदया बांध देते हैं उसकी गद्दी बाँध देते हैं 
फिर वह व्यक्ति असहाय हो जाता हैं अति कष्ट उसे भोगने पड़ते हैं और वह अपनी बंधी विद्या या अपने बाधा को काटने के लिए फिर किसी पहुंचे हुए तांत्रिक या ओझा के चक्कर लगाते रहता हैं  ऐसे में व्यक्ति परेशां होकर दुविधा में पड जाता हैं ऐसे में उन लोगों के लिए या पीड़ित साधको के लिए एक प्राथमिक प्रयोग दे रहा हूँ अगर सही तरीके से करोगे विधि अनुसार तो कुछ हद तक आपकी पीड़ा अवश्य कम हो सकती हैं 



- मंत्र -

जल खोलू ,जल वायु खोलू, टोना खोलू ,जादू खोलू  ,जंतर खोलू,  मंतर खोलू, 
{बंधी हुई विद्या खोलू } कुल औजू बीरब्बीनास खुलजा, मालिकिन नास खुलजा,
ईला हिन्नास खुलजा, मीन शर्रील वसवासिल खन्नास खुलजा,अल्जी यूवस्वी सूफी 
सुदूरिन्नास खुलजा, मीनल जिन्नती वण्णास खुलजा।।।

-विधि -

किसी भी शुक्रवार को शाम के समय पांच बजे के करीब हाथ पैर धो कर अपने पूजा स्थान पर बैठ कर साफ सुथरे कपडे पेहेन कर एकांत में बैठे जाये एक दिया जला कर कुछ सुगन्धित धुप बत्ती जला ले और एक नया पैकेट खुश बूदार अगरबत्ती खरीद लाये पहले से ही रख ले सर पर एक रुमाल रख ले और अगर साधक हो तो गुरु मंत्र और रक्षा मंत्र जाप करने के बाद ही इस मंत्र को प्रयोग में लाये उसके बाद पैकेट में से एक अगरबत्ती लेनी हैं और उस एक अगरबत्ती पर २१ बार मंत्र पढ़ कर ३ फूँक लगा देनी हैं इसी प्रकार आपको २१ अगरबत्तियों पर मंत्र पढ़ कर तैयार कर लेना हैं। . . .. फिर जो भी बाधित व्यक्ति हो उसके सामने बैठाकर  २ अगरबत्ती जला देना हैं जब तक अगरबत्ती पूरी तरीके से जल कर ख़त्म ना हो जाये तब तक उस व्यक्ति को वही बैठे रहना हैं सात दिनों अंदर असर दिखना शुरू हो जायेगा अगर किसी के शरीर में कोई पुराणी बाधा लगी हुई हैं ऐसे बाधित व्यक्ति सामने अगरबत्ती जलाएंगे तो बला हाजिर भी हो सकती हैं लेकिन अगर हाजिर हो गयी तो आम व्यक्ति उसे नियंत्रित नहीं कर पायेगा ऐसे में अपने गुरु से परामर्श जरूर ले अन्यथा हानि के जिम्मेदार स्वयं ही रहेंगे  || जय महाकाल || 
धन्यवाद 

{ परामर्श - +91 9207283275 }



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