जय महाकाल
Hidden Treasure| गुप्त धन कैसे प्राप्त किया जा सकता हैं
जय महाकाल मित्रों आज एक विशेष जानकारी आप सब से साझा करेंगे दोस्तों आपने धन ,गुप्त धन , या ख़ज़ाने के बारे में सुना ही होगा की आज फलाने गाओं में खुदाई के समय गुप्त धन , या धन का कलश किसी को प्राप्त हुआ या कहीं पुराने खण्डर में शोध के वक़्त कोई खज़ाना मिला इत्यादि खबरे आप अक्सर सुनते ही होंगे बहोत लोग ये जानते नहीं होंगे की ये गुप्त धन मिलता कैसे हैं ? कुछ साधक मित्र इस गुप्त धन के शोध में अक्सर इधर उधर प्रयास करते ही रहते हैं खोजते रहते हैं इत्यादि वगेरा ! सबसे पहले जान लेते हैं ख़ज़ान कैसे जमीन में पाया जाता हैं मित्रो पुराने काल में यानि सात आठ सौ साल पहले राजा महाराजाओं के या मुग़ल काल में जो लोग राज दरबार में जो लोग काम किया करते थे उदा। सिपाही नौकर प्रधान,ख़ान साम, दास दासी इन लोगों को एवं राजाओं के काल में जो प्रजा हुआ करती थी तो उनके चलन में तनख्वा के तौर पर सोने चांदी के सिक्के दिया करते थे जिन्हे मुद्रा भी कहा जाता था और दूसरी बात | उस काल में राजाओं द्वारा युद्ध किये जाते थे उसमे जो राजा जीत जाता था वे दूसरे राजा की जो भी सम्पत्ति या उनके द्वारा स्थापित ख़ज़ाने लूट लिए करते थे उस वक़्त पैसों यानि रुपयों का चलन नहीं था जो भी था वह स्वर्ण या चांदी की अशर्फियाँ या सिक्को के रूप में या सोने के चौकोर ईंट के आकार में उस सोने का संचय किया करते थे कुछ मूर्तियां एवं स्वर्ण आभूषण के स्वरुप में तैयार किये जाते थे और उनको तिजोरी यानि किसी धातु के बक्से में या धातु के मटके , या हंडे में या मिटटी के मटके में छुपा कर उसको बंद कर के दिवार में या जमीन के अंदर दफ़ना दिया जाता था क्यों की उस वक़्त लूट पाट के डर से लोग इस प्रकार छुपा दिया करते थे | तो वोही छुपाया हुआ धन कहीं कहीं पुराने मकान या पुराने किले में या किसी प्राचीन मंदिर में भी पाए गए हैं उदाहरण के तौर पर ( दक्षिण भारत के पद्मनाभन के विष्णु मंदिर ) में अभी हाल ही में कुछ वर्ष पूर्व हजारो टन में सोना उस मंदिर के प्राचीन गुप्त दरवाजों के खोलने के बाद वहां से प्राप्त किया गया |
दोस्तों अकसर ऐसे पुराने ख़ज़ानो के ऊपर कुछ न कुछ उग्र शक्ति उनकी रखवाली हेतु वहां विराजमान होती हैं अगर कोई व्यक्ति उस धन को नकालने का प्रयास करे तो उस व्यक्ति को उस बला के खतरे का सामना करना पड़ता हैं बहोत बार व्यक्ति की जान भी चली जाती हैं मित्रो खज़ाना मिलना यह भी एक भाग्य की बात होती हैं कुछ लोग धन के लालच में इतने अंधे हो जाते हैं की अपने पास की सम्पत्ति भी ज्यादा धन पाने की इच्छा में बर्बाद कर देते हैं फिर भी हाथ कुछ नहीं आता | वैसे धन की अपेक्षा रखना कोई बुरी बात नहीं हैं इस कलयुग में तो धन सबको प्यारा हैं मित्रों पर थोड़ा सावधानी बरते अक्सर ऐसे कामों में जोखिम ज्यादा होता हैं मित्रों अक्सर जो गडा हुआ धन होता हैं जब तक उसके ऊपर की शक्ति ना हटाई जाए तब तक वह धन का पीछा नहीं छोड़ती आम तौर पर धन के ऊपर शेष नाग , भूत ,पिशाच जिन जिन्नात आदि तंत्र शक्ति के माध्यम से उस पर बिठा दिए जाते हैं जब तक किसी तंत्र गुरुनिर्देश द्वारा उन शक्तियों ना बांधा जाए या उनको शांत ना किया जाए तब तक वो वहां से नहीं हट ती अगर आपको धन मिल भी जाए तो घर में कलेश, झगडे, अशांति , किसी सदस्य की अकाल मृत्यु इत्यादि दुर्घटनाओं का दौर शुरू हो जाता हैं | मित्रों कई लोगों को अपने पूर्वजोंपर्जित धन के बारे में पता होता हैं मगर उस पर बैठी बला को हटाने के लिए वे लोग प्रयास करते रहते हैं इस प्रकार के गुप्त धन प्राय : किसी पुराने खेत में या बहोत पुराने घर में प्राचीन मंदिर या दीवारों में पूर्वजो द्वारा दबाया हुआ प्राप्त किया जा सकता हैं |
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