-जय महाकाल -
-भानामति मैली विद्या -
दिमाग भ्रमित रहना | भूक प्यास बंद हो जाना या पाखाना बंद हो जाना | शरीर में असहाय्य सुई की तरह चुभन होना लगातार चुभन होना | श्वास का बंद होना साँस का उखड़ना लगातार घबराहट पसीना आना डॉक्टर की सारी री पोर्ट के बाद शरीर में बीमारी रहना कमजोरी | दिमाग ना चलना घर में बिना किसी कारन लड़ाई झगडे
अशांति और कलेश रहना एक मायूसी का माहौल रहना एक दूसरे पर बिना किसी कारन गुस्सा आना चिड़चिड़ा पन ये सब काले जादू अघोरी क्रिया भानामती के तंत्र द्वारा कराया जाता हैं | मित्रो भानामती तंत्र का ज्यादातर प्रयोग (महाराष्ट्र,और M.P.) में ज्यादा इसका प्रयोग किया जाता हैं | भारत में उत्तर भारत में इस विद्या को (टोनही ) नाम से जाना जाता हैं | मित्रो भानमती तंत्र बहोत ही तेज़ गति से काम करती हैं जैसे यहाँ मंत्र फूंका और वहाँ एक घंटे के अंदर कोसो दूर रहने वाले व्यक्ति पर यह तंत्र सवार हो जाना शुरू हो जाता हैं | भानामति विद्या में ज्यादा तर गुड़िया बना कर प्रयोग किया जाता हैं, जैसे जैसे भानमती तंत्र का विशेष मंत्र गुड़िया यानि ( DOLL ) पर मंत्र फूंका जाता हैं वैसे वैसे उसकी विकृत गति सामने वाले व्यक्ति पर सवार होना शुरू हो जाता हैं |
कैसे भानामती तंत्र को जगाया जाता हैं क्या और कैसे होती हैं क्रिया ? इसकी विधि और विधान |
मित्रो भानामति विद्या को जगाने के लिए मसान का प्रयोग किया जाता हैं उसमे मुख्यत मरे हुए (मुर्दे का वस्र ) मरे हुए (मुर्दे के छाती पर डाले हुए गुलाल ) या प्रेत अगर औरत का हो तो उसके सिंगार का उपयोग इस क्रिया में किया जाता हैं | उस प्रेत की हड्डिया या मरी हुई सुहागन की चुडिया भी इस्तेमाल की जाती हैं, और भी बहोत कुछ वस्तुए उपयोग में लायी जाती हैं जो यहाँ बताना मुमकिन नहीं हे | अपितु ज्ञान वर्धन के लिए यहाँ पर बताया जा रहा हैं,
भानामती विद्या के लिए के लिए विशेष अमावस्या के सायंकाल में नदी के अंदर पानी में खडे हो कर मंत्र का एकाग्र चित्त हो कर जप करना पड़ता हे | नग्न अवस्था में जाप करना पड़ता है | उसके बाद फिर कुछ दिनों तक देर रात तक जलती चिता के समक्ष जाप करना पड़ता हैं | मुर्दे के लिए इस्तेमाल की हुई ठीकरे का उपयोग भी इस तंत्र में किया जाता हैं | उन बुरी ताकतों को अपने काबू करने के लिए इन सब क्रियाओ को करना जरुरी होता हैं तभी इन विद्याओं पर प्रभुत्व जमा सकते हो अन्यथा जान से हाथ धोने की सम्भावना बनी रहती हैं | इस लिए इन सब विद्याओं को सिखने के लिए तांत्रिक गुरु का सानिध्य परम आवश्यक होता हैं |
ये कह लीजिये के दृष्ट ग्रहों का खेल काल चक्र आपको इस रूप में प्रताड़ित कर रहा हैं | ये जिसके ऊपर बितती
उसके लिए किसी परिक्षा के घडी से कम नहीं होती | अगर समय से पहले इसका कोई योग्य उपाय नहीं किया जाये , या योग्य गुरु से परामर्श नहीं मिले तो व्यक्ति गतप्राण भी हो जाता हैं | ( बाबा महाकाल उनकी रक्षा करे दुआ करता हूँ ) दोस्तों अगर किसी व्यक्ति को लगता हैं के उस पर ये क्रिया की गयी हैं तो | उक्त मंत्र का जाप कर के बाधित व्यक्ति को पानी पिलाते रहिये | मगर मित्रो इससे पूर्ण तरीके से ठीक तो नहीं होगा मगर कुछ हद तक राहत जरूर मिल जाएगी जो बाधित व्यक्ति के साथ उपद्रव हो रहा हो वो थोड़ा शांत जरूर होगा | मंत्र इस प्रकार हैं |
मंत्र - बिस्मिल्ला रहमाने रहीम एक फूल दो फरमान उठो मुहम्मद लियो कमान शाह सुलतान पुरो बाँध ,एक लाख अस्सी हजार पैगम्बर की दुहाई ,घट पिंड में पीड़ा करे तो तोड़ तोड़ मार मार दमे सय्यद अहमद कबीर सतरह सो बला खेंच के ल्यावै जंजीर बाँध ल्याव ,हैदर भूत बला नौसौ डाकिनी, शाकिनी , बांध बहक्के ला ईल्लाह मुहम्मद रसूलिल्लाह |
( सुचना - कृपया इस मंत्र का व्यापारीकरण ना करे परोपकार के उद्देश्य से इस मंत्र को यहाँ पर प्रकाशित किया गया हैं ) इस मंत्र को चोरी या कॉपी करके अपने साइट पर या यु ट्युब पर डालने का प्रयास न करे अन्यथा वो अपने बर्बादी का जिम्मेदार खुद होगा | धन्यवाद
जय महाकाल | आदेश |
संपर्क - 09207 283 275
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