कड़ाही बांधनेका मंतर - 



जय महाकाल -



कड़ाही बांधने का मंतर - 


मित्रों आपने शायद पुराने ज़माने के कुछ जादूगर देखे होंगे  , जो आम लोगो के सामने कुछ खेल दिखाते थे , जैसे के आग में हाथ डालना और हाथ न जलना , गर्म तेल की कढाई में पूरी तलते हुए जादूगर उसमे हाथ डाल कर गर्म तेल से हाथ से पूरी निकालते हैं इत्यादि , जो खेल हुआ करते थे , उसी प्रकार बर्फ के अंदर नंगे बदन से साधना करना , जिससे की लोगो के लगे की महाराज नंगे बदन आधे बर्फ में खुद को दफना तपस्या कर रहे दिखा कर ऐसा लोगो को अचंभित करना ,

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आज भी बद्रीनाथ में कुछ साधक।।।। लोगो को बेवकूफ बनाते हैं , ट्रिक के जरिये जादू दिखा कर। .. लोगो को लगता हैं के साधुजी महाराज नंगे बदन  बैठे हैं  बर्फ में ठण्ड नहीं लगती और तपस्या कर रहे हैं  मित्रों ये सब पुराने टोटके हैं। जो आयुर्वेद और रसायन के जरिये अपने बदन पर लेप चुपड़ लेते हैं जिससे  उस साधु को ठण्ड नहीं लगती लोगों को लगता हैं साधु महाराज सिद्ध हैं  जो लोगों को पता नहीं हैं। .. ठीक वैसे ही। .. भट्टी या चूल्हा भी बाँधा जा सकता हैं। .मंत्र और क्रिया से . उसमे कितनी भी आग जला लो मगर खाना नहीं पकेगा , वगेरा वगेरा। .. 
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मन्त्र -
"ओम् नमो जल बांधू जलवाई बांधू बांधू कुवा वाहीं नौ सो गांव का वीर बुलाऊं बांधे तेल कडाही जती हनुमंत की दुहाई शब्द सांचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश गुरु को "




दीपावली कि रात्रि को  पुरे विधि विधान से उपरोक्त मन्त्र को १००८  बार जप करके मंत्र सिद्ध के पश्चात् प्रयोग में लाया जा सकता  है

जब भी प्रयोग करना होतो रास्ते के सात कंकड लेकर उसे मंत्र से  अभीमत्रित करके कडाही पर मार दो
चाहे जितनी आग जला लेना कडाही गरम बिलकुल  नहीं होगी




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संपर्क  - 09207 283 275 



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