-जय महाकाल -
अगिया बेताल सिद्धि साधना -
मित्रो। .. जिस प्रकार बेताल के बारे में आपने सुना उसी प्रकार अगिया बेताल भी एक प्रकार के बेताल ही हैं , जो उसकी पृथक शक्ति अलग प्रकार की होती हैं। ... ये बेताल अग्नि स्वरुप में उत्पन्न होता हैं। .. जो एक प्रकार अग्नि प्रकट करता हैं। ..
मंत्र -
ॐ अगिया बेताल महाबेताल बैठ बेताल अग्नि अग्नि
तेरे मुख में सवामन अग्नि महाविकराल फट स्वाहा ||
तेरे मुख में सवामन अग्नि महाविकराल फट स्वाहा ||
विधि -
इस साधना के सिद्धि के लिए , आप किसी निर्जन स्थान या उजाड़ स्थान या। किसी खंडरनुमा जगह का चयन करे। . साधना शुरू करने से पहले। अपने इष्ट गुरु का आशीर्वाद और , उनकी अनुमति लेकर इस साधना को शुरू करे। .. साधना में सुरक्षा कवच अवश्य धारण करे। .. अन्यथा हानि की संभावना होती हैं। .. कवच धारण करने के पश्चात् .. काले भेड़ का ऊनी काले रंग का आसन बिछा कर आसन कीलित कर ले। . उसके बाद , काले बकरीके चर्बी का दीपक सकोरे में प्रज्वलित कर ले। . .. फिर उपरोक्त मंत्र का २१ माला जाप नित्य २१ दिनों तक करे। .. जब १० दिन शेष रह जाये। . तब अपने समक्ष सुखी घास रखे। . और कुछ उड़द के दानो पर मंत्र पढ़ पढ़ कर फूंके और सूखे घास पर मारते रहे। .. अंतिम दिन अग्नि प्रज्वलित होगी उस दिन मंत्र सिद्धि हो जाएगी .. अगिया बेताल महाराज समक्ष प्रगट भी हो सकते हैं , अगर हो जाये तो उनसे डरे नहीं उनको नमश्कार कर के उनसे अपने हथेली पर वास करने की बिनती करे। ..
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