Mata Meldi Sadhna माता मेलडी साधना

 

- जय महाकाल -


 माता मेलडी साधना - Meldi ki siddhi


meladi mata

जय महाकाल मित्रो , माता मेलडी की ज्यादा तर पूजा गुजरात प्रान्त में की जाती हैं , माँ की उत्पत्ति कामरूप कामख्या में कार्य रत होते हुए वहां असुरों का नाश करने के लिए माँ को भेजा गया था |  प्राचीन कथा के अनुसार देवताओं पर अमरूवा नामक एक दैत्य द्वारा अत्याचार किया जा रहा था वोह परास्त नहीं हो पा रहा था अमरूवा दैत्य के अत्याचार से पिडित  देवताओं ने माँ भगवती,चामुंडा दुर्ग ,काली ,महाविद्याओं का आवाहन किया देवियों ने दैत्य के साथ घनघोर युद्ध करके उसको परेशान कर दिया, कई वर्षों तक युद्ध चला दैत्य स्वयं को पराजित होता  देख भागने लगा भागते भागते उसे एक मृत गौ का पिंजरा पड़ा हुआ दिखा उसमे छुप गया मृत गाय अशुद्ध होने के कारन उसे छुपने का मौका मिला। अब उस अशुद्ध पिंजरे में देवताओं को घुस कर उसे निकालना कुछ ठीक नहीं लगा , तब देवियां चिंतिति हो कर हाथ मलने लगी मलते हुए  जो मेल  हाथ से निकला तब देवियों ने आवाहन किया ,तब उस मेल से महाआदिशक्ति प्रगट हुई तब  वो देख दैत्य भागने लगा और एक सरोवर में किसी जिव के अंदर छुप गया माँ ने उस सरोवर में घुस कर दैत्य का संघार कर दिया  देवी कन्या के रूप में प्रगट हुई  जब देवी ने उत्पत्ति का कारन पूछा तब उनके शक्तयों का परिक्षण करने के लिए उन्हें महाशक्तियों ने कामरूप कामाख्या भेज दिया ,जहाँ पर अघोरी जादू टोना , काली मैली विद्या का प्रयोग होता हैं , अगर वोह देवी वहां से जीत कर लौटती हैं तब उनके कार्यों के अनुसार उनकी शक्तयों की परीक्षा होगी ऐसा देवताओं ने कहाँ , कामाख्या में मूल द्वार पर मसान का पहरा था माता ने उसको खाक कर दिया ,जब माता ने देखा यहाँ तो सब मैली कुचैली विद्या बसी हुई हैं तब सारी मैली विद्या को लपेट कर उसका तरल बना कर बोतल भर के बहार ले आयी तब देवताओं ने माता के जय घोष लगाए |  माता ने मैली विद्याओं का नाश कर उन्हें बंधन बना कर विजय पाया तब माता का नाम हाथ के रगड़ें मेल से उत्पन हुआ इसी लिए माता का नाम मेलडी कहा गया , इस तरह माता की उत्पत्ति हुई ,  मेलडी माता का  कोई विशेष सिद्ध पीठ नहीं हैं , जहाँ अधिक प्रमाण में माता की पूजा गुजरात , प्रान्त , कामाख्या , उज्जैन में की जाती हैं | जो तंत्र में प्रचलित हैं | 


- मेलडी माता मंत्र -

१ )  ॐ क्लीं मेलडिये नम 

  २ )  मंत्र -

 मैय्या मेलडी हाजिर होना चंडी भंगी का काम करना 

  लक्ष्मी रूठी , माया टूटी ,बधी बर्बादी  तू संभालना 

गोरख ने किया मच्छन्दर पाया तब मेलडी ने बताया 

किसी मंगलवार या रविवार को प्रातः काल उठ कर एक बाजोट पर लाल कपडा बिछा कर चावल की ढेरी  पर माता की प्रतिमा या फोटो रख दे तेल का दीपक जलाएं, धुप गूगर, अगरबत्ती धरे कुछ मकई के दाने और कुछ मीठा भोग में रखे आसन पर बैठ कर नित्य माता का दिया हुआ मंत्र यथा शक्ति जपते रहे  इससे मा मेलडी की कृपा होगी और कार्य बनने लगेंगे, माँ की साधना तामसिक या सात्विक भाव से कर सकते हैं साधना शुरू करने से पहले काले बकरे को गुड़ चना खिला सकते हैं कम से कम २१ दिन तक लगातार साधना करने से माँ मेलड़ी की क्रिपा प्राप्त होती हैं धन सम्बंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं, अगर किसी साधक ने गुरु से दीक्षा ले लिया हो तो जल्द सफलता मिलती हैं अगर नहीं ली हो तो अनुभव होने में समय भी लग जाता हैं | वैसे माँ मेलडी उग्र शक्तियो की देवी हैं तो साधना गुरु निर्देश में करे तो अधिक बेहतर होगा | 


सम्पर्क - +91 9207283275 




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