नागमणि -


जय महाकाल -


नागमणि -  


मित्रो नागमणि के बारे में आप सब ने  सुना होगा के पुराणों में  उल्लेख  के अनुसार कई तरह की चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार   सर्प के सिर पर अथवा उसके मुख मंडल में  मणि के होने का उल्लेख मिलता है। पाताल लोक में  मणियों की आभा से वहां का वातावरण  हर समय प्रकाशित रहता है। सभी तरह की मणियों पर सर्पराज वासुकि का अधिकार है।








 यह  मणि एक प्रकार का चमकता हुआ पत्थर नुमा  होता है। मणि को हीरे की श्रेणी में रखा जा सकता है बल्कि कई ज्यादा अलग होता हैं यह मणि । क्यों की यह मणि अति  दुर्लभ और दिव्य मणि होती हैं   यह भी अपने आप में एक रहस्य समेटे हुए  है। जिसे  भी यह मणि  प्राप्त होती हैं   वह सर्व कार्य सिद्धि का मालिक बन  जाता हैं । ..आपको  ज्ञात हो कि अश्वत्थामा के पास भी यह  मणि थी जिसके बल पर वह शक्तिशाली और अमर हो गया था। रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि छीन ली थी।  मान्यता है कि मणियां कई प्रकार की होती थीं। 

मणियों के महत्व के कारण ही तो भारत के एक राज्य का नाम मणिपुर है। शरीर में स्थित ७ चक्रों में से एक मणिपुर चक्र भी होता है। मणि से संबंधित कई कहानी और कथाएं आज  समाज में प्रचलित हैं। इसके अलावा पौराणिक ग्रंथों में भी इन सब  मानियो के किस्से मिल जाते हैं। . 

मणियों को सामान्य हीरे से कहीं ज्यादा मूल्यवान माना जाता है। जैनियों में मणिभद्र नाम से एक महापुरुष होकर गए  हैं। ऐसा माना जाता है कि चिंतामणि को स्वयं ब्रह्माजी धारण करते हैं। रुद्रमणि को भगवान शंकर धारण करते हैं। कौस्तुभ मणि को भगवान विष्णु धारण करते हैं। इसी तरह और भी कई मणियां हैं जिनके चमत्कारों का उल्लेख पुराणों में है। 

नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक  लोक कथाओं में नागमणि जिक्र आम लोगों के बीच में  प्रचलित हैं। नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसको अपना भक्ष ढूंढ़ने में सहाय्यक हो  उसकी रोशनी के माध्यम से  आसपास के  इकट्ठे हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह आसानी से  खा पाए हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने के और भी कारण हैं।

नागमणि का रहस्य आज भी अनसुलझा हुआ है। आम लोगो  में यह बात प्रचलित है कि कई लोगों ने ऐसे नाग देखे हैं जिसके सिर पर मणि हुआ करता था हालांकि पुराणों में मणिधर नाग के कई किस्से मिलते  हैं। भगवान कृष्ण का  भी इसी तरह के एक नाग से सामना हुआ था।

एक  पौराणिक कथा के अनुसार नागमणि और नागकन्या की जानकारी मिलती हैं। मनुज नागमणि के माध्यम से जल में उतरते हैं। नागमणि की यह विशेषता है कि जल उसे मार्ग देता है। इसके बाद साहसी मनुज महल में उपस्थित  होकर नाग को परास्त कर नागकन्या प्राप्त करता है।







( नागमणि के चमत्कार )  नागमणि के बारे में कहा जाता है कि यह जिसके भी पास होती हैउसका भाग्य बदल जाता  है। कहा जाता  हैं कि नागमणि में अलौकिक दिव्य  शक्तियां होती हैं। उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है। मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियों का संचार हो जाता हैं और वह व्यक्ति धन धान्य संपत्ति से भरपूर  हो जाता है। .... अगर नागमणि जिसे प्राप्त हो जाये तो उसका भाग्य बदलने से कोई नहीं रोक सकता यह सत्य हैं। .. 





संपर्क  -    09207 283 275  



    

कोई टिप्पणी नहीं: