अवधूत निरंजन नवनाथ जाप मंत्र

जय महाकाल 



अवधूत निरंजन  नवनाथ जाप मंत्र 








मित्रों नाथ सम्प्रदाय के जनक योगी मछिन्द्रनाथ और उनके गुरु श्रीदत्तनाथजी , और इन सब के गुरु योगी औघड्नाथजी  इनके आर्शीवाद से नाथों का अवतरण धरती पर हुआ
.. महायोगी गोरखनाथ मध्ययुग 11वीं शताब्दी अनुमानित।।  के एक विशिष्ट महापुरुष थे... . । गोरखनाथजी  के गुरु मत्स्येन्द्रनाथ (मछंदरनाथ) थे.. । इन दोनों ने नाथ सम्प्रदाय को सुव्यवस्थित कर जगभर  इसका विस्तार किया। इस सम्प्रदाय के साधक लोगों को योगी,अथवा  अवधूत, सिद्ध, औघड़ कहा जाता है।.. 


ॐ अवधूनाथ गोरष आवे, सिद्ध बाल गुदाई |
घोड़ा चोली आवे, आवे कन्थड़ वरदाई || १ ||
सिध कणेरी पाव आवे, आवे औलिया जालंधर |
अजै पाल गुरुदेव आवे, आवे जोगेसर मछंदर || २ ||
धूँधलीमल आवे, आवे गोपिचन्द निजततगहणा |
नौनाथ आवो सिधां सहत महाराजै !

जय अलख - आदेश आदेश आदेश ..!

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