रूह ऐ हमजाद साधना -

जय महाकाल -


रूह  -ऐ  हमजाद साधना -






जय महाकाल मित्रों -



विधि --  यह रात्रि कालीन हैं  एकांत कमरे में , साफ़ सुथरे वस्र पेहेन कर लोबान धुप इत्र वगेरा लगा कर बैठ जाएँ  , और नित्य ४० दिनों तक  हमज़ाद मंत्र का ११०० बार नित्य जाप करे अंतिम दिन छोटे बच्चों में मिठाई बांटे मंत्र सिद्ध हो जायेगा 




आपको बता दूँ के यह रूहानी मंत्र भी एक उग्र साधना के तहत आता हैं , जो की ये मंत्र अपने आप में एक पॉवरफुल मंत्र हैं , जिसका कोई मुकाबला नहीं , हैं जब आप इस अमल को शुरू करेंगे , आपको अजीबो गरीब अनुभव होंगे जो की शब्दों में बयान करना मुश्किल हैं , बशर्ते इस मन्त्र को गुरु उस्ताद के मार्गदर्शन में रह कर करे अन्यथा अपनी खुद की बर्बादी के जिम्मेदार खुद होंगे , सच्ची लगन , और ईमानदारी हमेशा अच्छा फल देती हैं प्रमाणिकता और निष्ठा रख इस साधना को कीजिये , आप अपने हर मकसद में कामयाब होजाएंगे इसमें कोई शक नहीं। ..



मन्त्र -


॥ अमल ॥

या हमजाद वल मुसख्खरात बिहक्क़ या रूह या अहज़रु 

बिजिंल्लहि 

तआला या क्वमुल हमजाद हाज़िर हो


विधि --


संपर्क   09207 283 275






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