५२ वीर सिद्धि की विशेष ऊद


|| जय महाकाल || 



- ५२  वीर सिद्धि की विशेष  ऊद -


जय महाकाल। ..मित्रो   बावन वीरों की सिद्धि विशेषत अलग अलग जगह होती हैं।  कोई वीर शमशान में जागृत करने पड़ते हैं। तो कोई वीर... विशेष पौधे के पास जाकर जागृत करने होते हैं , या फिर किसी विशेष वृक्ष के नीचे वीरों की सिद्धि की जाती हैं .इन वीरों को  अगर अति शीघ्र प्रसन्न करना चाहते हो तो। .इसके लिए एक विशेष ऊद ( यानि धुप ) का इस्तेमाल नाथ प्रणाली में सदियो से होता आ रहा हैं। इसे अवश्य इस्तेमाल में लाये इसके बारे में आपको यहाँ  जानकारी दे रहे हैं। वीर मंत्र को पढ़ते पढ़ते इस ऊद को अंगियारी पर धुंआ करते जाये . इस ऊद की खुशबू से वीर जागृत होने लगते हैं .. यह ऊद बहोत ही दुर्लभ और रेयर  हैं .. जो की विशेष जड़ी बूटियों  को खास योग में उखाड़ कर उसे सिद्ध की जाती हैं और उसे उपयोग में लाया जाता हैं इस ऊद में विशेषत  ५२ प्रकार की जड़ी और समुद्रिक वस्तुओंका मिश्रण तैयार करके इस ऊद को सिद्ध किया जाता हैं .. और फिर इसे उपयोग में लाया जाता हैं। . कुछ  वस्तुओं के  नाम यहाँ आपके जानकारी के लिए दे रहा हूँ सभी जड़ी के नाम देना संभव नहीं हैं 
 नरक्या ऊद , चिल्ट्या ऊद ,साम्ब्री ऊद , झोटिंग ऊद , खप्ल्या ऊद , म्हसन्या ऊद ,तेली ऊद ,दारू ऊद ,खवल्या ऊद ,कबरी ऊद , हमामबाद ऊद ,..  इत्यादि ऊद के नाम हैं जो इस ऊद में मिश्रित हैं इस प्रकार ५२ ऊदो को मिलाकर तैयार किया जाता हैं .. इसे ऊदनी भी कहते हैं। विशेष कर के वीर कंगन सिद्धि के लिए ये बहोत ही लाभकारी हैं .. साधक मित्रों अगर कोई वीर साधक इस ऊद को प्रयोग में लाना चाहे तो अवश्य  सकता हैं।  हमारे पास यह ऊद उपलब्ध हैं बाकायदा इस ऊद को सिद्ध करके दिया जायेगा। . अगर कोई साधक इसे प्राप्त करना चाहे तो हमसे अवश्य  प्राप्त कर सकता हैं 










संपर्क  -    09207 283 275 





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