जय महाकाल -
इच्छा पूर्ति शिव मंत्र -
मंत्र -
( ॐ हंस सोहम परम् शिवाय नमः )
विधि - ॐ नमः शिवाय अथवा नमः शिवाय महामंत्र में तीन शब्द है। नमः शिवाय। इसमें पांच अक्षर है..। इसे पंचाक्षरी महामंत्र भी कहते हैं। पंचाक्षरी इसलिए अक्षरातीत है।.. ‘..नमः शिवाय.. में पांच अक्षर है। अक्षर को ब्रह्म.. प्रणव आदि नामों से भी पुकारा जाता है..। उपनिषदों में कहा गया है.. के ओम् इति ब्रह्म..’ ओम् ही ब्रह्मरूप है..। पातंजल योगसूत्र में कहा गया है.. "तस्य वाचक प्रणवः" प्रणव ईश्वर का वाचक शब्द है..। ब्रह्म एक अखण्ड अद्वैत होने पर भी परब्रह्म और शब्द ब्रह्म इन दो विभागों में कल्पित किया गया.. है..। शब्द ब्रह्म का रहस्य भली भांति जान लेने पर परब्रह्म की प्राप्ति होती है..। इसमें त्रयोदशी से इस साधना को संपन्न करे 21 दिन तक पंचोपचार से पूजन करे
और रात्रि काल में इस मंत्र का यथा शक्ति जाप करे। ......अनुभूति के लिए गुरु आज्ञा अवश्य लिजियेगा
अन्यथा जाप फलीभूत नहीं होगा।
गुरूजी - + 91 9207 283 275