शाबर मंत्र गुरु दीक्षा एवं शाबर मन्त्र सिद्धि -

जय महाकाल - 




शाबर मंत्र जगाने की अचूक विधि -
 
जय महाकाल 

मित्रो आज आप लोगो के लिए विशेष पोस्ट दे रहा हूँ , जो की हर साधक जो शाबर मंत्रों को जगाने की इच्छा रखता हैं उन सब के लिए दे रहा हूँ। ..... जो  लाख कोशिश करने के बावजूद भी  शाबर मन्त्र नहीं जगा पा रहे हो । ... मित्रो आज  के इस   इंटरनेट के दुनिया में आप देखेंगे अनेको वेबसाइट और  ब्लॉग हैं , जिस पर अनेको मंत्र दिए हुए हैं। कई लोग नेट पर से मन्त्र   उठा कर बिना सोचे समझे  जाप करना शुरू कर देते हैं , और अंततः  थक हार लेते हैं मगर उनसे मन्त्र सिद्ध नहीं हो पाता । .. और न कोई अनुभूति होती है .. क्यों की अधूरी विधि और  गुरु का मार्गदर्शन ना होने की वजह से  निराशा हाथ आती हैं। . मगर शाबर मंत्र जागृत कैसे होता हैं.. इसका सत्य कोई नहीं लिखता , बहोत ही कम लोगो को इसके बारे में पता होता  हैं। .. जिनको पता हैं वो बताते नहीं। .... ..... मित्रों आज हम आपके लिए इसकी विधि का खुलासा कर रहे हैं। ..


*  मित्रों।।।   सबसे पहले तो बिना गुरु आशीर्वाद  के कोई भी मन्त्र सिद्ध नही होता। . इस लिए गुरु कृपा एवं गुरु सानिध्य अनिवार्य हैं। ....

पर्याय - १) अगर आप कई वर्षों से साधना में हो, और आप पर गुरुकी या अपने इष्ट की कृपा हैं। . तो ये मन्त्र आप सिद्ध कर पाओगे। .. ये आपको दृष्टांत द्वारा पता चल जायेगा। ....

पर्याय -२ ) या फिर आप किसी गुरु के सानिध्य में रह कर साधना शुरू करे .....  जो शाबर मंत्रो के सिद्धि के जानकार हो  .....|

मित्रो शाबर मंत्रो में कई प्रकार है , जैसे की गोपाल शाबर , झुमरी शाबर , डार शाबर , बर्भरी शाबर , इत्यादि   जो की बहोत कम लोगो को इसकी जानकारी हैं... कई लोग समझते हैं के  शाबर मन्त्र स्वयं सिद्ध हैं , उनको जगाने की आवशकता नहीं हैं ,ये सत्य हैं मगर वो अलग प्रकार के मन्त्र हैं जो आसानी से उपलब्ध हैं जो की सर्दी , ज्वर ,तिजारी ज्वर , कुत्ते के विष निवारण , हाजमे का मंत्र , छोटे बालको के नजर झाड़ा मंत्र इत्यादि मंत्रो   को सिद्धि की आवशकता नहीं होती। ... मगर कुछ विशेष शाबर मन्त्र ऐसे होते हैं , जो की विशेष महूरत में खास तिथि में उनको एक मुकम्मल  संख्या में   जाप कर के सिद्ध करना पड़ता हैं तभी वो अपना पूर्ण प्रभाव दिखाते हैं।  जैसे से की तंत्र बाधा काटना , मुठ चपेट , काटना , चुड़ैल डाकण को बांधना , तीव्र वशीकरण करना , या दुश्मन को तबाह करना , अघोरी क्रियाओं को रोकना, जिन्न  जिन्नातों को भगाना इत्यादि  मंत्रो की विधि ख़ास होती हैं... जो की डार शाबर एवं बर्भर शाबर के तहत आते हैं ,ये गुप्त शाबर मंत्र कहलाते हैं .... जिनको जगाने की आवशकता होती हैं। ..

शाबर मंत्र जगाने की तंत्रोक्त विधि - 
सर्व प्रथम। .. सिद्ध किया हुआ गुरु यंत्र और सिद्ध किया हुआ शाबरी यन्त्र - की स्थापना एक बाजोट पर चावलों की ढेरीपर सिद्धि योग में कर ले। . धुप, दिप ,और नेवैद्य फल फूल रख कर। प्रणाम कर के .निम् मन्त्र से आवाहन करे। ....
*  सर्व प्रथम। .. गुरु गणेश  और शिव का आवाहन करे। ....

* शाबर गुरु मन्त्र -
    
 गुरु सठ  गुरु सठ गुरु हैं वीर , गुरु साहब सुमरो भाँत
     सिंगी टोंरों  बन कहो , मन नाऊ करतार ,
     सकल गुरु की हर भजे,घट्टा पाकर ऊठ जाग
     चेत सम्हार श्री परम् हंस  गुरु साहेब

*  उपरोक्त मन्त्र का यथा शक्ति जाप करे। ...

*   गणेश मन्त्र -  ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं
प्रकाशय ग्लूं  ग्लिम ग्लां  फट् स्वाहा||

विधि :-
इस मंत्र का जाप  साधक सफेद वस्त्र धारण कर सफेद रंग के आसन पर बैठ कर पूर्ववत् नियम का पालन करते हुए इस मंत्र का सात हजार जप करे| जप के समय दूब, चावल, सफेद चन्दन सूजी का  हलवा अथवा  लड्डू भोग में धरे तथा जप काल में (काले कपूर को अग्नि पर सुलगाये )  यह मंत्र ,सर्व मंत्रों को  सिद्ध करने की शक्ति प्रदान करता है|

 *   वज्र  क्रोधाय महादन्ताय  दसदिशो बँध बँध हूम्म फट्ट स्वाहा |||

*  शिव आवाहन मन्त्र -    (  हंस : शिव: | सोsहं : हंस : | शिव : सोsहं :| )

     उपरोक्त मन्त्र का यथा शक्ति जाप करे


ओम आदि नाथ ज्योति रूप बसों तुम जानि,सकल पदार्थ तुम् बसे ,बसी जगदम्बा साथ तोहारे,नीली ज्योति रूप तुम्हारा,कारज पूरा आतम शक्ति का ,आशीष सकल गुरु शक्ति का.

इसके बाद वो गुटिका आपके लिए साधना में प्रयुक्त की जा सकती है.इसके साथ उस अद्भुत महायंत्र की स्थापना तो साधक का महा सौभाग्य ही होता है.जिसके बाद साबर साधनाओं में सफलता के द्वार उसके लिए खुल जाते हैं.

स्व नाभि पर ध्यान केंद्रित करते हुए १ घंटे तक निम्न मंत्र का जप करे,ये मन्त्र अद्भुत चमत्कारी मंत्र है जो आपकी साधना को आपके लिए पूर्ण प्रभावकारी बना देता है-

ओम श्रीं ह्रीं मृत्युन्जये भगवति चैतन्यचन्द्रे हंससंजीवनि स्वाहा
* रविवार को रात में असावरी देवी की विधिवत उपचारों से पूजन  करे कांसे की थाली को आम्र के काष्ट की रक्षा से मांज ले। ...
और प्रत्येक प्रहर के आरम्भ में इस मंत्र को उस थाली में कुमकुम से लिख कर उसे सामने रख कर - मूल मन्त्र का १०८ बार जाप करे
मन्त्र
ॐ असावरी असावरी पूरण करो हमारी कामना,सिद्धि दीजो,रखियो लाज,असावरी मैया की दुहाई.

इस मन्त्र का यथा शक्तिजाप करे और  (वीर माहेश्वर ऊद से हवन में १०८ मन्त्र जाप से आहुति दे) जो मंत्र आप सिद्ध करना चाहते हैं उस मन्त्र का  १०८ बार जाप करे इस प्रकार चारो प्रहर जाप करना हैं। .चौथे प्रहर में जाप के बाद शाबरी देवी का आवाहन करे  ..... (  हे शाबरीदेवी जाग्रतहो,सिद्धि  दो )  ये केहकर लाल खैर की लकड़ी से कासे की थाली को बजाएं ( कासे की थाली हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ) निश्चित ही इस क्रिया से  मन्त्र जाग्रत होकर अपना प्रभाव दिखाते है.... इसमें कोई संदेह नहीं

शाबरी मूल मन्त्र - 

तंत्रोक्त शाबर मंत्र जगाने की विधि  इस प्रकार हैं 

उपरोक्त मन्त्र का पर्व काल में यथाशक्ति जाप कर के सिद्ध कर ले। फिर  ..( वीर माहेश्वर ऊद से अग्नि में १०८ )  बार मन्त्र पढ़ कर आहुति दे। .. ( वीर माहेश्वर ऊद हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ) आहुति के पश्चात् मन्त्र की सिद्धि हो जाएगी। ... जब कभी इच्छित कार्य की सिद्धि करनी हो। .. तब पर्व सिद्धि काल में। .. १०८  मन्त्र जप कर के सिद्ध वीर माहेश्वर ऊद से आहुति देवे। .. इच्छित कार्य सफल हो जायेगा। .. मेरे साधक दोस्तों एक बात ये भी सत्य हैं अगर आप शाबर  मंत्रों की उच्च कोटि की साधना प्राप्त करना चाहते हैं या  एक उच्चतम साधक बनना चाहते हैं तो गुरु का सानिध्य अवश्य प्राप्त करें पश्चात ही आपको साधना की तीव्रता का आभास होगा | जिस प्रकार पुस्तक पढ़ कर कोई विद्वान् नहीं बन सकता ठीक वैसे ही बिना गुरु के ज्ञान अर्जित करना कठिन हो जाता हैं | 

विशेष नोट - शाबर मंत्रो में लगने वाली दुर्लभ सामग्री हमारे यहाँ उपलब्ध हैं इच्छुक साधको को शुल्क के साथ  विधि सामग्री दी जाएगी 

चेतवानी - इस ब्लॉग पर सभी पोस्ट स्वयं लिखित हैं , ब्लॉग के चोरो को चेतवानी हैं। . कॉपी पेस्ट करने का प्रयास ना करे। .. अन्यथा करने वाले को। ... बक्शा नहीं जायेगा। ..


जय महाकाल।   आदेश 


संपर्क  - +91 9207 283 275



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