जय महाकाल
सुरमा मोहिनी विद्या -
जय महाकाल । ..... मित्रों सुलेमानी तंत्र विद्या में ये एक कमाल की और बहोत ही जल्द असर दिखाने वाली अति प्रभावी दुर्लभ विद्या हैं , बस इसके सही नियम को समझना और इस विद्या को सही तरी केसे करना। .. यही इस विद्या के सफलता का सूत्र हैं। ..... इस विद्या को साधने के बाद व्यक्ति को किसी भी अधिकारी, अफसर , पुरुष महिला वर्ग, जनसभा इत्यादि को सम्मोहित करने की क्षमता प्राप्त हो जाती हैं इसमें कोई संदेह नहीं। .....
मंत्र -
,, ... .... .... .... ...... ......... करू सलाम। . .. .. मेरी आँखों में सुरमा बसे। ...... ....
सो पायन पड़े दुहाई। ..... ... ..... ...... ...... दस्तगीर की। .. छू छू छू
विधि - .... अमुक दिन। .... एक प्रकार का धान ले कर उस पर निर्देशित संख्या में जाप करना हैं। ..उस धान के कुछ दाने ले कर उनको पिसवा कर। .. उस आटें को उपयोग में लाना हैं। उसमे .. १५० ग्रॅम देसी गाय के शुद्ध घी को उपयोग कर के हलुवे का भोग लगाना हैं ...... नौचंदी की कोई भी रात एक खंजन का सुरमा तैयार करना हैं। .. उस सुरमे को इस मंत्र से अभिमंत्रित करना हैं। ... फिर उसमे घृत और ऊद मिला कर। .. २१ बार मंत्र पढ़ कर फूंक देना हैं। लो हो गया सम्मोहन का सुरमा ... इसके पश्चात् इस सुरमे को इस्तेमाल में लाया जा सकता हैं। इससे ... तीव्र सम्मोहन हो जाता हैं। ..
इस मंत्र के कुछ अंशो को सुरक्षित रखा गया हैं। ... क्यों की कोई इसका दुरूपयोग ना करे। ...
विशेष नोट -
( इस मंत्र के विधि विधान के लिए इच्छा रखने वाले साधको के लिए नियमानुसार गुरु अनुमति ( आवश्यक हैं ) ... अन्यथा इस मंत्र के लिए नाहक फोन ना करे। ... )
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