गुप्त धन शोधन निकालने की विधि। hidden Treasure


जय महाकाल मित्रों -



जय महाकाल मित्रों -





 मित्रो  अपना भारत देश इतना समृद्ध देश हैं , जिस में एक ज़माने में सुवर्ण की बरसात अथवा सोने के महल  होने का   उल्लेख गया  किया हैं। .. जैसे की रावण की सोने की लंका होना का पुराण में उल्लेख हैं। .. ऐसी बहोत सी पुराने गढ़े धन के बारे में जिक्र मिलता हैं। .. ये गढ़ा धन आता कहाँ से हैं। . मित्रों मुगलो के राज्य में उनका लूटपाट मचाने का काम हुआ करता था। .... फिर लुटे हुए धन को ठिकाने लगाने क लिए। .. उस पर तंत्र क्रिया  के जरिये उस पर भूत पिशाच , सांप , चुड़ैल , अला बाला इत्यादि को उस धन के रक्षण के लिए बिठा दिया जाता था। .. बस वोही वस्तु आज तक चली आरही हैं 
                       
वैसे  तो जमीन में गढ़े धन  खजाने को ढूंढने के लिए कई आधुनिक  उपकरण भी आ गए हैं फिर भी भारतीय तांत्रिक ग्रन्थों के अनुसार कुछ ऐसे संकेत होते हैं जिन्हें देख कर उस जगह पर गढ़ा धन छिपा होने का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। परंतु ऐसे धन को प्राप्त करना जटिल होता है


पुरातन ग्रन्थ  में कहा गया है कि जहां की मिट्टी में कमल के फूल जैसी सुगंध  आती है, वहां पर धन-सम्पदा छिपी होने के आसार होते  है। इसी प्रकार यदि किसी स्थान विशेष पर बाज, कौआ, बगूला  या अन्य बहुत सारे पक्षी बैठते हैं, वहां भी जमीन में धन छिपा होता है...... ।परंतु ऐसे धन को प्राप्त करना जटिल होता है

शास्त्र में कहा गया है कि यदि किसी जगह बहुत सारे पेड़ हो लेकिन उनमें भी किसी एक पेड़ पर ही पक्षी बैठते हों। इसमें भी यदि उस पेड़ पर बाज और कबूतर जैसे एक दूसरे के शत्रु जानवर एक साथ बैठे दिखाई दें तो उस जगह पर निश्चित ही जमीन में धन छिपा होता है।

कौतुक रत्न  ग्रन्थ  में लिखा गया  है कि जो भूमि आसपास कोई जल का स्त्रोत नहीं होने पर भी सूखे नहीं बल्कि नम दिखाई दे। साथ ही आस पास किसी काले सर्प के होने की निशानी मिले तो वहां पर जमीन में धन छिपा हुआ होता है।मित्रों, कई बार हमें किसी स्थान पर गडे हुये धन के होने का अन्देशा होता है । बिना किसी ठोस आधार एवं दिव्य ज्ञान के उस स्थान को खोदने की गलती भी कर बैठते हैं, जो नहीं करनी चाहिये ।। इससे जान का खतरा होता हैं। . इसे आजमाना नहीं चाहिए। .. 


धन कैसे निकाले उसकी विधि -

अगर आपको ऐसा लगता हैं की कोई जगह  संदेहास्पद हैं। . तो ऐसे   स्थिति में नित्य संध्याकाल के समय जहां धन का अंदेशा हो वहां एक। .(..कल्पतरु नामक पौधे के बीजों के  ) . विशेष बीजों के तेल का दीपक जलाना चाहिए  ये बीजों का तेल बहोत ही दुर्लभ हैं  ..

ऎसा लगातार 40 दिनों तक करने से। .  40 दिनों के भीतर ही यदि वहां धन होगा, तो दीपक जलाने वाले को स्वप्न के माध्यम से उसे जानकारी  प्राप्त हो जाती है ।।

स्वप्न में ही उसे खोदना है अथवा नहीं, यह भी निर्देश लगभग मिल जाता है । अगर उस बन्दे के पास ( कल्पतरु नामक वनस्पति के बीजों का तेल हो )  


इस तरह छिपाकर रखे गए सभी धन के भंडार प्राय: मंत्रों से बांध कर रखे जाते हैं जो सहज  नहीं प्राप्त होता  । तंत्र शास्त्रों के अनुसार इस तरह के धन को प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्रों का प्रयोग कर उस खजाने को उनके अदृश्य रक्षकों से मुक्त करवाना होता है। कई बार इसमें धन के रक्षक प्रेत या आत्मा को बलि भी देनी होती है तो कई बार यह बिना किसी मेहनत के ही मिल जाता है।



जमीन में गुप्त रूप से छिपाया गया धन अक्सर तांत्रिक विधियों से निकाला जाता हैं। .. अक्सर  उसके ऊपर के जिन्न ,भूत , प्रेत , चुड़ैल , खबीज , या बड़ा सांप , हमेश मंडराते हैं। .उनको हटाने के लिए। किसी . पहुंचे हुए तांत्रिक की की मदत लेना आवश्यक हैं   । इसीलिए उसे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति  को दिल दिमाग से उतना ही मजबूत होना चाहिए। यदि वह कहीं भी हिम्मत हार जाता है तो उसकी जान जाने का खतरा हो  सकता  है... अथवा   वह पागल हो सकता है। बेहतर यही होगा कि खुद ऎसे प्रयोग करने के बजाय किसी अनुभवी सिद्ध गुरु  की शरण लें। उनके निर्देशन में इस कार्य को करे। .. 


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  ( विशेष नोट )  - गुप्त धन बिना किसी कानूनी निर्देश के निकालना कानूनन जुर्म हैं 


                  ***   गुप्त धन निकालने सम्बंधित वस्तु एवं  सामग्री  विधि सहित  यहाँ उपलब्ध हैं। ..*** .. 




संपर्क   09207 283 275





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