जय महाकाल -
भयानक डाकिनी मन्त्र -
भयानक डाकिनी मन्त्र -
भयानक डाकिनी मन्त्र -
डं डां ड़ें न्डि ण्डी द्रीं धूं धूं चालिनी मालिनी डाकिनी सर्व सिद्धि प्रयच्छ हूँ फट्ट स्वाहा। ...
मित्रो।।।। डाकिनी वो शक्ति हैं जो की भूतो प्रेतों के। .... दुनिया से सम्बन्ध रखती हैं , जब अगर कोई साधक किसी डाकिनी को सिद्ध कर लेता हैं। .तो . उसके लिए कोई भी कार्य ऐसा नहीं हैं। .. जो असंभव हैं। . जो चाहे वोह काम कर सकता हैं। .. उसमे उसको शत प्रतिशत सफलता मिलती हैं। . मगर यह साधना भयावह होती हैं। . इस साधना को हर कोई नहीं कर पाता। .. इस साधना को। .. जिगर वाले साधक ही कर सकता हैं। . क्यों की इस साधना के दौरान बहोत से भयानक अनुभव होते हैं। . अगर कोई कमजोर दिल वाले साधक इसको करे। .. तो पागल अथवा , बुरी तरह सदमे में आ सकता हैं। .. तो सोच विचार कर के ही डाकिनी साधना क बारे में सोचे। .. सही गुरु के मार्गदर्शन या सानिध्य में रह कर इस साधना को करे। .. इस साधना को अमावस के रात्रि काल में सेमल के वृक्ष पर बैठ करे । ... तो जल्दी सफलता मिलती हैं। .. अन्यथा शमशान एक दूसरा पर्याय भी ले सकते हो। ..
डं डां ड़ें न्डि ण्डी द्रीं धूं धूं चालिनी मालिनी डाकिनी सर्व सिद्धि प्रयच्छ हूँ फट्ट स्वाहा। ...
मित्रो।।।। डाकिनी वो शक्ति हैं जो की भूतो प्रेतों के। .... दुनिया से सम्बन्ध रखती हैं , जब अगर कोई साधक किसी डाकिनी को सिद्ध कर लेता हैं। .तो . उसके लिए कोई भी कार्य ऐसा नहीं हैं। .. जो असंभव हैं। . जो चाहे वोह काम कर सकता हैं। .. उसमे उसको शत प्रतिशत सफलता मिलती हैं। . मगर यह साधना भयावह होती हैं। . इस साधना को हर कोई नहीं कर पाता। .. इस साधना को। .. जिगर वाले साधक ही कर सकता हैं। . क्यों की इस साधना के दौरान बहोत से भयानक अनुभव होते हैं। . अगर कोई कमजोर दिल वाले साधक इसको करे। .. तो पागल अथवा , बुरी तरह सदमे में आ सकता हैं। .. तो सोच विचार कर के ही डाकिनी साधना क बारे में सोचे। .. सही गुरु के मार्गदर्शन या सानिध्य में रह कर इस साधना को करे। .. इस साधना को अमावस के रात्रि काल में सेमल के वृक्ष पर बैठ करे । ... तो जल्दी सफलता मिलती हैं। .. अन्यथा शमशान एक दूसरा पर्याय भी ले सकते हो। ..
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