जय महाकाल -
हनुमत् ‘साबर’ मन्त्र प्रयोग-
जय महाकाल मित्रों। . आज के इस कलयुग में , हर इंसान का कोई न कोई शत्रु जरूर होता हैं। . कोई मनुष्य के रूप में तो कोई , ग्रहों के रूप में , अगर कुछ नहीं तो भूत प्रेत के रूप में वो अपने जीवन में अनजाने में प्रवेश कर जाते हैं। . तो कई लोगो को इसका इलाज जल्द ही मिल जाता हैं तो , कई लोगों को कई वर्षो तक इसका हल ढूंढ ने में लग जाता हैं। . तो दोस्तों निचे दिए गए मंत्र से आपको शत्रुओं से राहत अवश्य मिलेगी। .. मगर इस मंत्र का उपयोग हित के लिए करे। .. किसी के अहित के लिए नहीं। .. अन्यथा आप खुद संकट में पड जाओगे। ..
इस मंत्र से कुछ विशेष क्रिया भी किये जा सकते है -
हनुमत् ‘साबर’ मन्त्र प्रयोग
।। श्री पार्वत्युवाच ।।
हनुमच्छावरं मन्त्रं, नित्य-नाथोदितं तथा ।
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वद मे करुणा-सिन्धो ! सर्व-कर्म-फल-प्रदम् ।।..
वद मे करुणा-सिन्धो ! सर्व-कर्म-फल-प्रदम् ।।..
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।। श्रीईश्वर उवाच ।।
आञ्जनेयाख्यं मन्त्रं च, ह्यादि-नाथोदितं तथा ।
सर्व-प्रयोग-सिद्धिं च, तथाप्यत्यन्त-पावनम् ।।
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।। मन्त्र ।।
“.. ॐ ह्रीं यं ह्रीं राम-दूताय, रिपु-पुरी-दाहनाय अक्ष-कुक्षि-विदारणाय, अपरिमित-बल-पराक्रमाय, रावण-गिरि-वज्रायुधाय ह्रीं स्वाहा ।।”..
विधि - गुरु की आज्ञा अथवा गुरु अनुमति ले कर साधना शुरू करे अन्यथा लाभ नहीं होगा
संपर्क - 09207 283 275
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