|| मंत्र ||
लाल सुपारी कामी धारिणी मंत्र खरा आदितवारी ,हमारी खाया सुपारी .उठे सुख न पीठे सुख
फेर फेर देखे हमारा मुख , न देखे तो राजा रामचन्द्रजीकी द्वाही ,वीर हनुमान की द्वाही
विधि -
मित्रों इस साधना के लिए विशेष विधान हैं , उससे पहले कुछ बात अवश्य बता देना चाहेंगे , विशेष परिस्थिति में ही इस प्रकार के मंत्रो का प्रयोग करना चाहिए , अगर अपने जान पर बन आयी हो , या कोई कोई दुश्मन बार बार तकलीफ दे रहा हो तब ही इस मंत्र को उपयोग में लाये , किसी का अहित अथवा अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करना दण्डनीय अपराध हो सकता हैं ईश्वर के दरबार में ,विधान इस प्रकार हैं। .. सबसे पहले काली सुपारी का इंतजाम कर ले , अगर मालूम नहीं पड़े तो तांत्रिक सुपारी भी कहते हैं इसको ,ज्यादा तर नेपाल में इसकी उत्पत्ति ज्यादा मिलती हैं। .भारत में काम ही जगह देखने की मिलती हैं ये सुपारी बहोत दुर्लभ हैं ये। . चौदस के रात ३ काली सुपारी बिना चबाये निगल ले। . सुभे जब शौच से निकले उसे साफ़ पानी से धो ले। . फिर गंगाजल से धो ले उसके पश्चात धुप दिखा कर उस सुपारी पे ५ माला मंत्र पढ़े। .. और इच्छित व्यक्ति को पान के माध्यम से खिला दे। . तो वोह व्यक्ति आपके अनुकूल कार्य करने लगेः
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