-जय महाकाल -
शिव संजीवनी साधना
|| अथ ध्यानम् ||
हस्तांभोज्युगस्थम कुम्भयुग्लादूदधृत्य तोयंशिरः ।
सिचन्तं करयोर्युगेन दधतं स्वांके संकुभैाकरौ ||
अक्षस्रगमृगहस्ताम्बुजगतं मूर्द्धस्थचन्द्रस्रवत्पीयूषेात्रतनुभजे सगिरिजं मृत्यून्जयं त्रयंम्बकम् ।।
चन्द्रोद्भाषितंमूर्द्धजंसुरपतिपीयूषपात्रंवहद्धस्ताब्जेनदधत्सुदिव्यममलं हास्यास्यपंड़्केरहम्।।
सूर्येन्द्वग्निविलोचनं करतले पाशाक्षसूत्रांभोजं विभ्रतमक्षयं पशुपतिं मृत्युंजयं संस्मरेत।।
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अथ महामृत्युंजय मंत्र ||
ॐ ह्रों जूं सः त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिम बर्द्धनम
उर्वारुक मिव बंधनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात सः जूं ह्रों ॐ
महामृत्युंजय मन्त्र से कल्याणकारी शिव प्रसन्न होते हैं | धन सम्मान एवं ख्याति का विस्तार होता है, मृत्युतुल्य कष्ट, लंबी बीमारी एवं घरेलू समस्या से ग्रस्त होने पर महामृत्युंजय मन्त्र रामबाण सिद्ध होता है | जन्म कुंडली मे अगर मारकेश ग्रह बैठा हो या हाथ की आयु रेखा जगह जगह से कट रही हो या मिटी हुई हो तो यह जप अवश्य करें, जप की मात्रा सवा लाख होनी चाहिए |
कुण्डली मे मारकेश ग्रह बैठा होने का मुख्य पहचान है आपके मन मे बैचनी का अनुभव होना, किसी कार्य मे मन नहीं लगाना , दुर्घटना होते रहना, बीमारी से त्रस्त रहना, अपनों से मनमुटाव होना, शत्रुओं की संख्या मे निरंतर वृद्धि होना एवं कार्य पूरा होते होते रह जाना और समाज मे मान और सम्मान की कमी होना | यह मारकेश होने का लक्षण हैं जो प्रारम्भ मे दृष्टिगोचर होते हैं | जब मारकेश ग्रह की महादशा व्यतीत होने लगती है तो यह मृत्यु का कारण बन जाता है | इसलिए मारकेश ग्रह का समाधान करना जरूरी है । महामृत्युंजय मन्त्र का जप मारकेश ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को मुक्त करता है | धन बल और किर्ति सम्पन्न बनाता है | अतः जो व्यक्ति इन परेशानियों से पीड़ित है उन्हें महामृत्युंजय मन्त्र का जप अवश्य करना चाहिए |
कुण्डली मे मारकेश ग्रह बैठा होने का मुख्य पहचान है आपके मन मे बैचनी का अनुभव होना, किसी कार्य मे मन नहीं लगाना , दुर्घटना होते रहना, बीमारी से त्रस्त रहना, अपनों से मनमुटाव होना, शत्रुओं की संख्या मे निरंतर वृद्धि होना एवं कार्य पूरा होते होते रह जाना और समाज मे मान और सम्मान की कमी होना | यह मारकेश होने का लक्षण हैं जो प्रारम्भ मे दृष्टिगोचर होते हैं | जब मारकेश ग्रह की महादशा व्यतीत होने लगती है तो यह मृत्यु का कारण बन जाता है | इसलिए मारकेश ग्रह का समाधान करना जरूरी है । महामृत्युंजय मन्त्र का जप मारकेश ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को मुक्त करता है | धन बल और किर्ति सम्पन्न बनाता है | अतः जो व्यक्ति इन परेशानियों से पीड़ित है उन्हें महामृत्युंजय मन्त्र का जप अवश्य करना चाहिए |
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जप नियम: जप निर्धारित मात्रा मे तथा निर्धारित समय पर प्रतिदिन के हिसाब से होना चाहिए | जप के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन, सात्विक भोजन, सत्य बचन, अहिंसा का पालन , वाणी नियंत्रण होना जरूरी है | अन्यथा यह जप पूर्ण फलदायी नहीं होता है |जप मे नियम बद्धता का होना ज्यादा जरूरी है नियम से किया हुआ जप ही पूर्ण फलदायी होता है |
यह जप आप अपने घर व शिवालय में करें | शिवालय में यह जप विशेष फलदायी होता है क्योंकि वहाँ प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग होता है |
जप के समय ध्यान मे रखने वाली बातें :
- जप उसी समय प्रारम्भ करना चाहिए जब शिव का निवास कैलाश पर्वत पर, गौरी के सान्निध्य हों या शिव बसहा पर आरूढ़ हों शिव का वास जब शमशान मे हो तो जप की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। सही मुहूर्त के लिए आप हमसे अवश्य संपर्क करें यह आपको हमारे तरफ से बिना किसी लागत के उपलब्ध करवा दिया जायगा।
- जप करते समय तर्जनी एवं कनिष्ठ अंगुली का स्पर्श माला के साथ नहीं होना चाहिए।
- जप करते समय मुंह से आवाज नहीं निकालना चाहिए ।
- जप के दौरान जम्हाई आने से वाये हाथ की उंगली से चुटकी बजाना चाहिए जिससे आपके अन्दर जमा हो रहे सात्विक प्रभाव जमा रहे
- अपना पूर्ण ध्यान जप पर लगा होना चाहिए ।
- जप के समय शिव का स्मरण सदैव करते रहना चाहिए ।
- जप के पूर्ण होने पर हवन, दान एवं ब्राह्मण भोजन करवाना चाहिए।
कहा गया है " दुख मे सुमिरन सब करे दुख मे करे न कोई, जो सुख मे सुमिरन करे दुख कहे को होय । । " इस लिय अगर आप कोई समस्या से ग्रस्त नहीं हैं आप साधारण तौर से अपनी ज़िंदगी व्यतीत कर रहे हैं तब भी आप शिव के इस चमत्कारी मन्त्र का जप अवश्य करें। जिंदगी रूपी नदी सुख और दुख रूपी दो किनारों के बीच प्रवाहित होती है, अगर आप समय रहते शिव मन्त्र का जप करते रहेंगे तो आप सदैव प्रसन्न रहेंगे आपके घर वाले प्रसन्न चित्त रहेंगे, शत्रु से मुक्त रहेंगे, शिव कल्याण कारी हैं आपका भी कल्याण करेंगे।
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शिव की प्रसन्नता प्राप्ति हेतु कुछ अन्य सुगम मन्त्र
शिव की प्रसन्नता प्राप्ति हेतु कुछ अन्य सुगम मन्त्र
ॐ ह्रों जूं सः । । इस शिव मन्त्र के नियमित 108 बार जप करने से शिव की कृपा वर्षा निरंतर होते रहती है।
ॐ नमः शिवाय । । यह शिव मन्त्र सर्व विदित है 108 बार का प्रतिदिन जप आपको निरंतर प्रगति की ओर ले जाएगा।
जब स्वयं मन्त्र का जप करने मे असमर्थ हैं तो यह जप आप किसी ब्राह्मण के द्वारा भी करवा सकते हैं |लेकिन यहाँ इस बात का ध्यान रखना होगा की जो ब्राह्मण आपने मन्त्र जप के लिए रखे हैं वे शाकाहारी हों ईमानदार हों अगर वे ईमानदार नहीं हुये तो संभावना है की संकल्पित मन्त्र का पूर्ण जप करने मे वे असमर्थ होंगे | साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि वे इससे पहले किसी अन्य व्यक्ति का जप कर चुके हैं नहीं तो उनमे धैर्य की कमी होगी एवं प्रथम वार का समय उनको अनुभव प्राप्त करने में ही व्यर्थ चला जाएगा |जप शुरू करने से पूर्व अगर रुद्राभिषेक कर लिया जाए तो मन्त्र विशेष फलदायी हो जाता है इसलिए यह जरूरी हो जाता है की ब्राह्मण को वैदिक मंत्रों का समुचित ज्ञान हो |
अगर आप किसी भी प्रकार के काल सर्प दोष से ग्रसित हैं या किसी मरकेश ग्रह की दशा आप पर व्यतीत हो रही है या आप निरंतर किसी न किसी समस्या से परेशान रहते हैं तो आप महामृत्युंजय मन्त्र का 125000 बार जप अवश्य करवाएँ । महामृत्युंजय मन्त्र का जप करवाने के लिए आप हमसे संपर्क करें। हमारे पास अनुभवी ब्राह्मण हैं जिनहोने अपने जीवन का अधिकांश भाग जप करने में व्यतीत कर दिया है जिससे वे महामृत्युंजय मन्त्र का जप करने के तरीके से भिज्ञ हैं साथ ही वे वैदिक मंत्रों के भी ज्ञाता हैं | हम आपको पूर्ण विश्वास दिलाते हैं हमारे पंडितों से जप करवाने के बाद आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। जप करवाने हेतु विशेष जानकारी के लिए आप निम्न बॉक्स मे अपने प्रश्न के साथ अपना मोबाइल नंबर अवश्य भेजें।
संपर्क - 092072 83275
please apna contact address , phone no. ya email id blog mein publish karen thake hum vyatigat rup me aap se sampark kar sakein.
जवाब देंहटाएंMahavidya (Ma Tara , Ma Mahakali)Sabhar mantra sadhana ki vidhi kya hai, please bataye.
Dhanyavaad
jay mahakaal
हटाएंgurushiromani23@gmail.com
09207283275 sampark karey
हटाएंबहुत लाभ हुआ गुरुवर...प्रणाम
जवाब देंहटाएंjay mahakaal
हटाएंjay mahakaal
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