-जय महाकाल -
सर्व विष नाशक हनुमान मंत्र -
मन्त्र -
- ॐ पश्चिम मुखाय गरुडाननाय , पञ्च मुख हनुमंते मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा
मित्रो यह मन्त्र पंचमुखी मन्त्र पांच मुख वाले हनुमानजी का हैं , इस मंत्र में हनुमानजी का विशेष पूजन करना होता हैं ,
शुद्धःता का पूर्ण ध्यान देना होता हैं , किसी भी प्रकार की गलती न करते हुए , शुद्ध शाकाहारी रहते हुए इस मंत्र की शुरुवात , किसी भी पर्व काल में करे। . हनुमानजी का पंचोपचार से पूजन कर देसी घी वाले चूरमे के लड्डू का भोग लगाए , फिर नित्य निश्चित समय पर , १० दिनों तक दस हजार जाप पूर्ण करे , अनंतिम दिन , गरीबो , और बच्चोँ को भोजन करा कर , इस मंत्र का दशांश का हवन करे। ..
मंत्र सिद्ध हो जायेगा - पश्चात् किसी भी व्यक्ति को अगर , कोई श्वान , सांप , बिच्छू , या जंगली जानवर काट ले। .. तो इस मन्त्र की एक माला पानी पर फूँक कर रोगी को पीला दे। ... रोगी स्वस्थ हो जायेगा। ...आपको पुण्य मिल जायेगा सेवा निस्वार्थ भाव से करे। .. अन्यथा शक्ति हीन हो जाएगी
शुद्धःता का पूर्ण ध्यान देना होता हैं , किसी भी प्रकार की गलती न करते हुए , शुद्ध शाकाहारी रहते हुए इस मंत्र की शुरुवात , किसी भी पर्व काल में करे। . हनुमानजी का पंचोपचार से पूजन कर देसी घी वाले चूरमे के लड्डू का भोग लगाए , फिर नित्य निश्चित समय पर , १० दिनों तक दस हजार जाप पूर्ण करे , अनंतिम दिन , गरीबो , और बच्चोँ को भोजन करा कर , इस मंत्र का दशांश का हवन करे। ..
मंत्र सिद्ध हो जायेगा - पश्चात् किसी भी व्यक्ति को अगर , कोई श्वान , सांप , बिच्छू , या जंगली जानवर काट ले। .. तो इस मन्त्र की एक माला पानी पर फूँक कर रोगी को पीला दे। ... रोगी स्वस्थ हो जायेगा। ...आपको पुण्य मिल जायेगा सेवा निस्वार्थ भाव से करे। .. अन्यथा शक्ति हीन हो जाएगी
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