जय महाकाल -
धन प्राप्ति की प्राचीन गुप्त साधना -
जय महाकाल मित्रो यह साधना धन प्राप्ति सम्बंधित समस्या को ख़त्म करती हैं और नए नए आयाम प्राप्त कराती हैं | यह साधना अति प्राचीन और गुप्त हैं। यह साधना अपने आप में विशेष हैं। . अगर सही तरीके से करेंगे तो आपको इसकी सफलता से कोई रोक नहीं सकता। और एक खास बात किसी पुरातन दबे हुए धन की बात का पता चल जाता हैं | तो चलिए मित्रो साधना की पूरी विधि विधान जान लेते हैं। .
सर्व प्रथम इस साधना के लिए होली दिवाली पर्व काल का मुहूर्त ढूंढे जब महूरत पड़े तो निम्न निखित सामग्री इकठ्ठा कर ले। .
. १ ) आकाश लांगली की सिद्ध की हुई जड़। २) भूरे सर्प की खाल। ३) काली बिल्ली की सिद्ध की हुई जेर। . ४ ) चांदी का सिक्का। . ५ ) एक मिटटी का घड़ा ... ६ ) और काले घोड़े की नाल
इन सब वस्तुओं को इकठ्ठा कर ले |
धन प्राप्ति प्राचीन सिद्धि |
ऊपर दिए गए महूरत पर अपने समक्ष घी का दीपक जलाकर खुशबू दार धुप जला कर उक्त समग्री को मिटटी के घड़े में डाले और गंगा जल छिड़क कर जमीं पर आसन बिछा कर निम्न मंत्र का - ११ माला जाप करे। ..
मन्त्र -
सागर की बेटी शंख की भैण | चन्द्र की स. .... .... विष्णु की। .....
पानी का खाना पानी का पीना अन्न धन की जो हैं मीना |
बिल्ली उल्लू जिसका घोडा। .. ... ... माई हमको थोड़ा |||
इस प्रकार २१ दिन तक नित्य समय पर इस प्राचीन मंत्र का जाप करना हैं | ध्यान रहे जाप बिच में खंडित न हो | मित्रों इस साधना से अपार धन की प्राप्ति के योग बनते हैं काम धंदे में बरकत रहती हैं | अखंड लक्ष्मी घर में वास करती हैं | इसमें कोई शंका नहीं | मित्रों ब्लॉग से साधना पोस्ट चोर चोरी कर कॉपी पेस्ट करते हैं उनके कारन इस मन्त्र के कुछ शब्द सुरक्षित रखे गए हैं |
( नोट - इस साधना में दी गयी समाग्री के आभाव में ये साधना अधूरी मानी जाती हैं | अगर किसी साधक को सामग्री न उपलब्ध हो पाए तो हमारे यहाँसे साधक को सामग्री उपलब्ध करा दी जाएगी - धन्यवाद )
होली की साधना |