भूतनाथ कार्तिकेय वशीकरण मंत्र

जय महाकाल - 


भूतनाथ कार्तिकेय  वशीकरण मंत्र  - 






मंत्र -

ॐ नमोभूत नाथाय ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं जय जय कार्तिकेय हूं हूं हूं हूं क्रीं क्रीं मम ___________________________  मम वश करो कुरु कुरु फट स्वाहा।  .... 



मित्रो यह मंत्र।  दैत्यराज कार्तिकेय का हैं , इस मंत्र से सृष्टि के हर जिव जंतु को , मनुष्य ,एवं त्यादी को दैत्यराज वश में रखा करते थे। . कार्तिकेय अर्थात दक्षिण भारत के मशहूर देवता  कहलाते हैं। .. शिव पारवती से जन्मे इस बालक का नाम मुरुगन नाम से भी जाना जाता हैं। .. ..इस मंत्र को माघ महीने , की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को आधी रात के पश्चात् शुरू करना हैं , अगर इस साधना के सिद्धि के लिए एकांत अश्वथ वृक्ष का चुनाव करे तो बेहतर होगा , रात्रिकाल में थोड़े से चावल और।  थोडेसे उड़द साथ ले जाये। . और उस वृक्ष के नीचे उन चावलों और उरद को रख  जल पात्र  भी साथ रख दे फिर एकचित्त   बैठ कर। .. सरसों के तेल का दीपक जलाकर सुगन्धित धुप जलाकर , काले भेड़ के आसान पर बैठ कर काले हकीक की माला से उपरोक्त मंत्र की १०८ बार जाप नित्य समय पर करना हैं। .. जाप की अवधि २१ दिनों की होगी। . अंतिम दिन जाप का हवन कर के  पूर्णाहुति देकर मंत्र सिद्धि के लिए प्रार्थना करे। .. मंत्र सिद्ध हो जायेगा 







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